रामनवमी एक बड़ा और पूण्य त्योहार है। यह त्योहार हर वर्ष मार्च से अप्रैल के बीच में पड़ता है, अर्थात”चैत्र मास शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि” को मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी का जन्म अयोध्या नगरी में हुआ था। उनके जन्मदिन पर खुशी मनाई जाती है। श्रद्धा और आस्था के साथ मनाते हैं।
उत्सव मनाने का उत्तम समय
2018 रामनवमी 25 मार्च को 8 बजकर 3 मिनट के बाद नवमी तिथि लग जाएगी और 2 बजकर 21 मिनट से पुनर्वसु नक्षत्र उदित होगा, जिससे रामनवमी का पूजन करने के लिए 2 बजकर 21 मिनट के बाद का समय बहुत ही उत्तम रहेगा। 25 मार्च को रामनवमी का उत्सव मनाया जाएगा। कुल मिलाकर पूरा दिन उत्तम है।
ऐसे करें दिन की शुरुआत
0 इस दिन नदियों में स्नान करके पुण्य प्राप्त किया जा सकता है।
0 नदी में जाना संभव नहीं है, तो कोई बात नहीं, प्रात: काल स्नान करके उगते हुए सूर्य की प्रार्थना लाभकारी है। सूर्य भगवान राम के पूर्वज है।
0 रामनवमी को भगवान राम की पूजा पूरी और उपवास पूरी श्रद्धा से की जाए तो भगवान जी भक्त की पुकार जल्दी सुनते हैं।
0 स्नान करने के बाद पूरा दिन भगवान राम का स्मरण भजन और पूजन से करना चाहिए।
0 घरों और मंदिरों में राम चरित मानस का पठन करना चाहिए।
0 इस पर्व के साथ ही मा दुर्गा के नवरात्रों का समापन भी जुड़ा है। इस तथ्य से हमें ज्ञात होता है कि भगवान श्री राम जी ने भी देवी दुर्गा की पूजा की थी और उनके द्वारा कि गई शक्ति पूजा ने उन्हें धर्म युद्ध में विजय प्रदान की।
इसलिए 8 दिन में हो रहा समापन
– ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि अष्टमी तिथि 24 तारीख को 10 बजकर 6 मिनट से शुरू हो जाएगी और 25 मार्च को 8 बजकर 3 मिनट तक रहेगी। 26 मार्च को सूर्योदय के समय दशमी तिथि रहेगी। नवमी तिथि को सूर्योदय नहीं मिलने के कारण इसका क्षय माना गया है।
पंडित उमाशंकर शर्मा
रामनवमी के दिन ऐसा क्या करें कि, पूरा साल आपका रहेगा अच्छा
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