dushman desh paak: पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर भारत ने अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है. भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती दुश्मनी की लहरें दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा अटारी-वाघा पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही हैं. इस सख्त फैसले से भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पार व्यापार थम गया. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार भारत अटारी में भूमि बंदरगाह के माध्यम से पाकिस्तान को सोयाबीन, पोल्ट्री फीड, सब्जियां, लाल मिर्च, प्लास्टिक दाने और प्लास्टिक यार्न जैसी वस्तुओं का निर्यात करता था. जबकि सूखे मेवे, खजूर, जिप्सम, सीमेंट, कांच, सेंधा नमक और जड़ी-बूटियों सहित कई वस्तुओं का आयात करता था.
dushman desh paak: भारत और पाकिस्तान एक साथ ही आजाद मुल्क बने थे. भारत से कटकर पाकिस्तान का निर्माण हुआ. लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते कभी भी मधुर नहीं रहे. दोनों देशों के बीच तीन युद्ध हो चुके हैं. आतंकवाद पाकिस्तान की धरती पर फलता-फूलता रहा है और उसने हमेशा भारत को उसका दर्द दिया है. जिसकी वजह से उसकी पाकिस्तान से हमेशा दुश्मनी रही है. हां. ये बात सही है कि भारत लगातार तरक्की करता रहा है. आज हमारा देश हर मामले में आत्मनिर्भर है. लेकिन केवल एक चीज ऐसी है जिसके लिए भारत पूरी तरह से पाकिस्तान पर निर्भर है. वो है सेंधा नमक. ये एक ऐसी चीज है जिसकी भारत के हर घर में खूब मांग है.
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व्रत और त्योहारों में है इसकी मांग
dushman desh paak: सेंधा नमक को रॉक साल्ट, सैंधव नमक, लाहौरी नमक, गुलाबी नमक, हैलाइट और हिमालयन नमक के नाम से भी जाना जाता है. भारत में होने वाले व्रत और त्योहारों में सेंधा नमक जरूर इस्तेमाल किया जाता है. क्योंकि इसे शुद्ध माना जाता है और व्रत-त्योहारो में इसे खाने पर पाबंदी नहीं है. लेकिन भारत में सेंधा नमक का उत्पादन नहीं होता है. इसलिए इसकी मांग पाकिस्तान से मंगाकर पूरी की जाती है. हालांकि पिछले कुछ सालों में भारत ने सेंधा नमक के लिए पाकिस्तान पर अपनी निर्भरता कम ही है.
पाकिस्तान में होता है सेंधा का उत्पादन
dushman desh paak: पाकिस्तान में सेंधा नमक सबसे ज्यादा पंजाब प्रांत में पाया जाता है. पंजाब के झेलम जिले के खेवड़ा में स्थित नमक खदान दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी नमक खदान है. यहां हर साल करीब 3.25 लाख टन सेंधा नमक निकलता है. यह इलाका इस्लामाबाद से करीब 160 किमी दूर है. यह खदान दुनिया की सबसे पुरानी रॉक साल्ट खदान मानी जाती है. एक अनुमान के अनुसार यह करीब 2000 साल पुरानी है. यहां निकलने वाला नमक हाई क्वालिटी का होता है. इसके अलावा वर्चा, जट्टा और कोरक खदानों से भी सेंधा नमक निकलता है. इन खदानों से हर साल लगभग 4.5 लाख टन उत्पादन होता है. कहा जाता कि खेवड़ा की खदान में इतना नमक है कि उसे 450 सालों तक आराम से इस्तेमाल किया जा सकता है.
भारत में करीब 20 गुना ज्यादा कीमत
dushman desh paak: पाकिस्तान में सेंधा नमक की कीमत 2-3 रुपये किलो होती है, जबकि भारत में यह 50-60 रुपये किलो बिकता है. पाकिस्तान से थोक में नमक मंगाकर भारतीय व्यापारी इसे अपना लेबल लगाकर मार्केट में बेचते हैं. भारत में सेंधा नमक की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग की यूनिट्स कोच्चि, मुंबई, हैदराबाद और दिल्ली में हैं. भारत का सेंधा नमक बाजार 2024 में 1.23 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है. भारत में भी सेंधा नमक पाया जाता है, लेकिन इतना कम होता है कि जरूरत पूरी नहीं सकती. भारत में हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में गुम्मा और द्रंग खानों में यह मिलता है.
अब अन्य देशों से मंगाने लगा है भारत
dushman desh paak: भारत ने सेंधा नमक के लिए पाकिस्तान पर अपनी निर्भरता कम की है. साल 2018-19 में भारत ने जितना सेंधा नमक आयात किया था, उसमें से 99 फीसदी पाकिस्तान से ही आया था. हालांकि साल 2019-20 में भारत ने पाकिस्तान के बजाय संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से सबसे ज्यादा सेंधा नमक आयात किया था. जानकारी के अनुसार भारत अब ईरान, मलेशिया, जर्मनी, अफगानिस्तान, तुर्की और ऑस्ट्रेलिया से भी सेंधा नमक मंगाने लगा है. पाकिस्तान के साथ व्यापार बंद होने के बाद भारत में यह नमक और महंगा हो सकता है.