रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को बुधवार को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में पेशी के दौरान लखमा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें जेल में अच्छा नहीं लग रहा है और उनकी तबीयत भी ठीक नहीं है।
कवासी लखमा ने बताया कि जनवरी में गिरफ्तारी के बाद आज पहली बार वे जेल से बाहर आए हैं। उन्होंने कहा, “कई बार बोलने के बाद आज बाहर आ पाया हूं। मुझे हार्ट की समस्या है, शुगर है और आंखों से जुड़ी बीमारी भी है।”
जनवरी में हुई थी गिरफ्तारी
गौरतलब है कि ईडी ने इस साल 15 जनवरी को शराब घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। तब से वे न्यायिक हिरासत में हैं। हाल ही में ईडी ने उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की है। इसी सिलसिले में बुधवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया।
IPL 2026: ऑक्शन के बाद सभी 10 टीमों का पूरा स्क्वॉड जारी, जानें किसके पास कौन से खिलाड़ी
विधानसभा में बस्तर की बात उठाने का किया जिक्र
विधानसभा की कार्यवाही में शामिल न हो पाने को लेकर पूछे गए सवाल पर कवासी लखमा ने कहा,
“मैंने विधानसभा में बस्तर की बात उठाई थी, इसलिए ही तो मुझे जेल में रखा गया है।”
उन्होंने बताया कि विधानसभा सत्र में शामिल होने के लिए उन्होंने राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भी लिखा था। राजकुमार कॉलेज में आयोजित विधानसभा के पहले सत्र में शामिल होने की बात कहते हुए उन्होंने पुराने विधानसभा सत्र में शामिल न हो पाने पर अफसोस जताया।
हर महीने 2 करोड़ रुपये कमीशन का आरोप
शराब घोटाले की जांच ईडी के साथ-साथ ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) भी कर रही है। जांच एजेंसियों का आरोप है कि भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा ने शराब माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों में ढील दी। इसके बदले उन्हें इस कथित सिंडिकेट से हर महीने करीब 2 करोड़ रुपये कमीशन मिलता था।
फिलहाल मामला कोर्ट में विचाराधीन है और आगे की सुनवाई में ईडी द्वारा अहम दलीलें पेश की जा सकती हैं।


















