**कमाल! 17 साल के आदित्य ने बनाया AI टीचर, नाम रखा ‘सोफी’

आदित्य

बुलंदशहर। क्या आपने कभी सोचा है कि मात्र 25 हजार रुपये में एक ऐसा रोबोट बनाया जा सकता है, जो इंसानों की तरह पढ़ाए, सवाल समझे और जवाब दे? शायद नहीं! लेकिन बुलंदशहर जिले के शिव चरण इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले 17 वर्षीय छात्र आदित्य ने यह कर दिखाया है। आदित्य ने एक एडवांस्ड AI टीचर रोबोट बनाया है, जिसका नाम उन्होंने ‘सोफी’ रखा है।

महिला शिक्षक जैसा दिखने वाला AI टीचर

सोफी कोई साधारण मशीन नहीं है। यह बिल्कुल एक महिला शिक्षक की तरह दिखती है और स्टूडेंट्स से बातचीत कर सकती है। इसमें लगा LLM चिपसेट इंसानी दिमाग की तरह तेजी से जानकारी प्रोसेस करता है और छात्रों के सवालों को समझकर तुरंत जवाब देता है। तकनीकी विशेषज्ञ भी आदित्य की इस उपलब्धि से हैरान हैं।

महज 17 साल की उम्र में बड़ा कमाल

आदित्य वर्तमान में कक्षा 12 के छात्र हैं। उन्होंने कई महीनों की मेहनत और लगातार शोध के बाद इस रोबोट को घर पर ही तैयार किया। खास बात यह है कि इस प्रोजेक्ट पर सिर्फ 25 हजार रुपये की लागत आई है, जो किसी बड़े इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट की तुलना में बेहद कम है।

सोफी खुद कहती है— मैं आदित्य द्वारा बनाई गई AI टीचर हूं

आदित्य के प्रोजेक्ट का सबसे रोचक हिस्सा यह है कि सोफी खुद अपना परिचय भी देती है। सोफी कहती है—
“मैं आदित्य द्वारा बनाई गई AI टीचर रोबोट हूं। मैं शिव चरण इंटर कॉलेज, बुलंदशहर में पढ़ाती हूं और छात्रों को समझदारी से पढ़ा सकती हूं।”

भविष्य में 3D ह्यूमन-जैसा रोबोट बनाने का लक्ष्य

आदित्य बताते हैं कि अगर उन्हें तकनीकी और आर्थिक सहयोग मिले, तो वे सोफी का और विकसित मॉडल बना सकते हैं। उनका अगला लक्ष्य ऐसा रोबोट तैयार करना है जो:

  • बात कर सके, सुन सके और लिख भी सके

  • भावनाओं को पहचानकर छात्रों की मनोदशा समझे

  • क्लासरूम में इंसानों की तरह इंटरैक्ट करे

यानी एक 3D ह्यूमन-जैसा AI टीचर, जो बिल्कुल वास्तविक शिक्षक की तरह पढ़ा सके।

स्कूल के शिक्षकों ने की सराहना

शिव चरण इंटर कॉलेज के शिक्षक वसीम अहमद और जिया उल्लेख ने आदित्य की प्रतिभा की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि सोफी जैसे रोबोट भविष्य में अनुपस्थित शिक्षक की जगह भी कक्षा में बच्चों को पढ़ा सकते हैं। यह शिक्षा क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत हो सकती है।

क्षेत्र में गर्व का विषय

आदित्य की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार और स्कूल के लिए, बल्कि पूरे बुलंदशहर क्षेत्र के लिए गौरव का विषय बन गई है। कम उम्र में तकनीक के क्षेत्र में ऐसा नवाचार एक बड़ी मिसाल पेश करता है।

यहां देखें वीडियो

ये भी पढ़ें...

[wpr-template id="218"]