नई दिल्ली। इतिहास में 11 सितंबर वह दिन एक दुखद घटना के नाम पर दर्ज है। दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के सीने पर घातक आतंकी हमले ने एक ऐसा जख्म दिया, जिसकी दर्द रहती दुनिया तक कायम रहेगी। 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका पर हुए आतंकी हमलों की बुधवार को 18वीं बरसी है। साल 2001 में अमेरिका में आतंकवादियों ने विमान अपहरण कर न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो इमारतों, वर्जीनिया स्थित पेंटागन और पेन्सिलवेनिया पर हमला किया था। इस हमले में 2,977 लोगों की मौत हुई थी। इसे अमेरिका के इतिहास के सबसे बड़े आतंकी हमले के तौर पर देखा जाता है।
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इस हमले में अल कायदा के मुखिया ओसामा बिन लादेन का हाथ था जो कि हमले के बाद पाकिस्तान में जाकर छुप गया था। लादेन को बाद में पाकिस्तान के एबटाबाद में अमेरिकी सील कमांडो ने ढेर कर दिया था। इससे पाकिस्तान के उस झूठ की कलाई खुल गई थी कि लादेन पाकिस्तान में नहीं है। विवेकानंद ने दिया था ऐतिहासिक भाषण : इसके अलावा 11 सितंबर की तारीख को स्वामी विवेकानंद के एक चर्चित भाषण से जोड़कर देखा जाता है, जो उन्होंने 1893 को अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में दिया था। स्वामी विवेकानंद ने सांप्रदायिकता, धार्मिक कट्टरता और हिंसा का जिस तरह से उल्लेख किया था, वह आज सवा सौ साल के बाद भी उतने ही भयावह रूप में उपस्थित है। उन्होंने कहा था कि अगर ये बुराइयां न होतीं तो दुनिया आज से कहीं बेहतर जगह होती।
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