रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर विप्र समाज नाराज हैं। समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उनके निवास में मुलाकात की। विप्र समाज ने सरकार द्वारा आरक्षण 72 फीसदी किए जाने को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल ने केन्द्र सरकार द्वारा आर्थिक आधार पर पिछड़े सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण को छत्तीसगढ़ में भी लागू करने की सीएम भूपेश से मांग की। समाज प्रमुखों को मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया और कहा कि सामान्य वर्ग के साथ अन्याय नहीं होगी। उन्होंने कहा कि विधि विभाग से 10 फीसदी आरक्षण पर रिपोर्ट आ गई है, हम जल्द उसका अध्ययन करेंगे और निर्णय लेंगे.
आरक्षण की सीमा बढ़ाने पर विभिन्न संगठनों ने मुख्यमंत्री का व्यक्त किया आभार
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज यहां उनके निवास कार्यालय में राज्य सभा सांसद छाया वर्मा के नेतृत्व में आए छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की सीमा बढ़़ाने पर आभार व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि 73वें स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य में अनुसूचित जनजातियों को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 और पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की है। प्रतिनिधि मंडल में छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ. लक्षमण प्रसाद भारती, आदिवासी शासकीय सेवक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. शंकरलाल उईके, डॉ. पवन साहनी, डॉ. आर .पी. रामटेके, श्री फणेन्द्र भोई, एच.के. नेतराम, विद्युत मंडल अजाक्स के एस.के.ठाकुर, श्री डब्ल्यु आर. वानखेड़े, अन्य पिछड़ा वर्ग संघ के आलोक चंद्रवंशी एवं अन्य संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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