रायगढ़। रायगढ़ शहर के पैलेस रोड निवासी सीताराम देवांगन ईको फ्रेडली एवं पर्यावरण प्रदूषण से मुक्त भगवान गणेश की मूर्ति बना रहे हैं। जो कि वजन में हल्का है और पानी में आसानी से घुल जाएगा। मूर्ति की मजबूती अन्य मूर्तियों से अधिक है तथा खंडित होने का डर नहीं है। साथ ही मूर्ति की खुबसूरती के लिए डॉयमंड वर्क किया गया है। इस मूर्ति को महिलाएं तथा बच्चे भी आसानी से उठा सकेंगे एवं विसर्जन कर सकेंगे।
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गणेश चतुर्थी के अवसर पर शहर से लेकर गांव-कस्बों के मोहल्लों एवं घरों में जनसामान्य भगवान गणेश की स्थापना कर पूजा-अर्चना करते है। मूर्तिकार गणेश की मनमोहक मूर्ति बनाने के लिए रसायनिक रंगों और प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग करते थे। जिससे पर्यावरणीय खतरा बना रहता था और नदियों एवं तालाबों में विसर्जन होने के पश्चात पानी दूषित हो जाता था। जिसके कारण मछलियां भी मरती थी। राज्य सरकार द्वारा ऐसी मूर्तियों को रोक लगाने के लिए सख्त निर्देश दिए है। साथ ही पर्यावरण के अनुकूल तरीके से त्योहार मनाने की आवश्यकता को बढ़ावा दे रहे हैं।
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सीताराम ने बताया कि कागज से बनाई गई गणपति जी की मूर्ति पहले पेपर को भीगा कर उसमें लगे स्याही को अलग किया गया तथा उसमें खाने का गोंद मिलाया गया जिसे विजर्सन के पश्चात मछली उसे खा सकता है और कही भी किसी प्रकार से पर्यावरण प्रदूषण नहीं होगा। अगर आप भी पर्यावरण को संरक्षित करना चाहते हैं तो कागज से बने गणेश की मूर्ति की पूजा करना चाहते हैं तो राजा फैंसी स्टोर नया गंज कोष्टापारा, रायगढ़ एवं मोबा.नं. 98278-71634 एवं 7000964286 में संपर्क कर सकते हैं।
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