तेंदुकोना। घोघरा के प्रसिद्ध सिद्ध बाबा बोड़ादाई डोंगर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा महापुराण के आठवांं दिन हवन हुआ। अब तक के कथा में सुदामा चरित्र कथा भगवान का स्वधाम गमन, परिक्षित मोक्ष, 24 गुरुओं का वर्णन प्रवचनकर्ता पंडित योगेश्वर भारद्वाज महराज द्वारा ओजस्वी भावपूर्ण तरीके से किया गया। इस अवसर पर भागवत कथा सुनने छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष अल्का नरेश चन्द्राकर भी पहुँची थी। श्रीकृष्ण लीला का उल्लेख करते हुए अल्का चन्द्राकर ने कहा कि भागवत कथा सुनने से हमारे मन को असीम शांति मिलती है साथ ही कहा कि मन चंगा तो कटौती में गंगा।
पंडित जी यह भी कहा:
कक्षावाचक पंडित योगेश्वर भारद्वाज ने कहा कथा की सार्थकता जब ही सिध्द होती है, जब इसे हम अपने जीवन में व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हुए अपने जीवन को आनंदमय, मंगलमय बनाकर अपना आत्म कल्याण करें। अन्यथा यह कथा केवल ‘ मनोरंजन ‘, कानों के रस तक ही सीमित रह जाएगी । भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है। इससे संशय दूर होता है और शांति व मुक्ति मिलती है। इसलिए सद्गुरु की पहचान कर उनका अनुकरण एवं निरंतर हरि स्मरण ,भागवत कथा श्रवण करने की जरूरत है।
कक्षावाचक पंडित योगेश्वर भारद्वाज ने कहा कथा की सार्थकता जब ही सिध्द होती है, जब इसे हम अपने जीवन में व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हुए अपने जीवन को आनंदमय, मंगलमय बनाकर अपना आत्म कल्याण करें। अन्यथा यह कथा केवल ‘ मनोरंजन ‘, कानों के रस तक ही सीमित रह जाएगी । भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है। इससे संशय दूर होता है और शांति व मुक्ति मिलती है। इसलिए सद्गुरु की पहचान कर उनका अनुकरण एवं निरंतर हरि स्मरण ,भागवत कथा श्रवण करने की जरूरत है।