रायपुर : राजधानी के तेलीबांधा इलाके में दूसरे के आधार कार्ड और पहचान-पत्र से गाड़ियां फाइनेंस कराए जाने का मामले सामने आए हैं। दो शातिरों ने Bank से लोन दिलाने का झांसा देकर जरूरतमंदों के आधार कार्ड और Bank की पासबुक अपने पास रख ली। बाद में उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल करके बुलेट,
Activa और ज्यूपिटर समेत सात गाड़ियां खरीद लीं। मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब बैंक के कर्मचारी ने पीड़ितों (जिनका आधार कार्ड हैं) को फोन किया कि उनके नाम से फाइनेंस कराया गया है और वे किस्त जमा करें। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि ऐसे करीब 15 लोगों के आधार कार्ड के नाम से गड़बड़ी की गई है।
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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर लखन पटले ने बताया कि कृषक नगर जोरा निवासी सूरज कुमार डहरिया (27) जी-4 फैसिलिटी सर्विस में चपरासी हैं। जोरा निवासी श्यामलाल निर्मलकर के माध्यम से अगस्त में उनकी न्यू राजेंद्र नगर निवासी आरोपित पवन जायसवाल व Housing Board धरमपुरा निवासी आमोद पोद्दार से मुलाकात हुई थी।
दोनों ने सस्ते ब्याज दर पर एचडीपी और एचडीएफसी Bank से लोन Finance कराने का झांसा दिया। कहा कि एक से पांच लाख रुपये तक का लोन जनवरी 2021 तक मिल जाएगा। उसके बाद उन्होंने पीड़ित सूरज कुमार और श्यामलाल के आधार कार्ड, फोटो, बैंक पासबुक, खाली चेक बुक, पैन कार्ड ले लिए।
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Bank से Phone आया तो मचा हड़कंप
सूरज कुमार डहरिया को एचडीएफसी बैंक से फोन आया कि उनकी बुलेट की दो लाख 40 हजार रुपये की किस्त नहीं भरी जा रही है। प्रति माह पांच हजार 546 रुपये की किस्त चुकानी है। इसके बाद एचडीपी बैंक से फोन आने लगा कि टीवीएस ज्यूपिटर की किस्त नहीं पट रही है। इस पर उन्होंने पवन और आमोद से संपर्क साधा तो दोनों ने कहा कि धीरे-धीरे किस्त पटाओ। कुछ दिनों बाद लोन पास करा देंगे। आरोपितों ने गाड़ी फाइनेंस कराकर बेच भी दी हैं।