CG एक ही कमरा में मिला नागदेव के 12 सपोला, 8 घंटा चला पकड़ने का रेस्क्यू
छत्तीसगढ़ के कोरबा की स्नेक रेस्क्यू टीम ने जांजगीर चांपा जिले के एक गांव के एक घर में नाग (snake) के 12 से अधिक बच्चे निकाले. 8 घण्टे तक रेस्क्यू ऑपरेशन (rescue operation) चलाकर नाग के सपोलों को बाहर निकाला गया. बारिश का मौसम आते ही जमीन में रेंगने वाली मौत का सामना अक्सर होता रहता है. पर यही मौत अगर हमारे घर पर ही रह रही हो तो हैरानी और चिंता बढ़नी तय है.

कोरबा/जांजगीर. छत्तीसगढ़ के जांगजीर चांपा जिले के नागरदा कुर्दा (nagarda kurda) गांव में रह रहे बृहस्पति कंवर अपने परिवार के साथ कुछ दिनों से खौफ में रह रहे थे. बृहस्पती कंवर का परिवार इतना अधिक डर गया था उस कमरे के आस पास जाना ही बंद कर दिया. जब भी उस कमरे से नागदेव साप (snake) के बच्चे बहार निकलते एक एक कर के मार दिया जाता था, पर इतनी हिम्मत किसी में नहीं थी की उस कमरे को खोल कर ये देख सके कि आखिरकार नाग नागदेव के बच्चे निकल कहा से रहे हैं. ये घटना गांव और आस पास के गांव में आग की तरह फैल गई पर कोई भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहे था की अंदर जाकर देखें.
ऐसे ही कर के कुछ दिन गुजर गए और एक एक कर के सांप (snake) के पांच बच्चे मारे गए. फिर भी बच्चों का निकलना बंद नहीं हुआ तो घरवालों ने स्नेक रेस्क्यू टीम अध्यक्ष जितेन्द्र सारथी को इसकी जानकारी दी. इस पर उन्होंने समझाइश देते हुए कहा अधिक दूरी होने के कारण पहुंचने में समय लगेगा, जिसके बाद जितेन्द्र सारथी अपने टीम नागेश सोनी के साथ गांव के लिए निकल पड़े, जो की कोरबा से 52 किलोमीटर दूर था. करीब 2 घंटे बाद रेस्क्यू टीम गांव पहुंची.
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8 घंटा चला rescue ऑपरेशान
गांव पहुंचने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन (rescue operation) चालू किया गया. घर वालों ने बताया कि ये कमरा काफी लम्बे समय से बंद है और डर से हम सब अन्दर प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं. फिर लगे ताला को तोड़ा गया धीरे धीरे सभी सामान को बहार निकाला गया और जहां से साप (snake) के बच्चे निकल रहें थे, उस दिवाल को तोड़ा गया. जैसे जैसे दीवाल को तोड़ कर खुदाई करते गए वैसे वैसे दिवाल और नीचे जमीन से एक एक कर सांप के 12 बच्चे निकाले गए. इस दौरान गांव के काफी लोग इकट्ठा हो गए. अब जिज्ञासा थी कि उन बच्चों की मां कहा हैं, पर काफ़ी खुदाई के बाद भी उसकी मां नहीं मिली. आशंका जताई गई कि अंडों से बच्चे बाहर निकलते ही वो भी कहीं निकल कर चली गई होगी.
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इस तरह 8 घंटे के कड़ी मेहनत भरे रेस्क्यू में 12 नाग के सपोलें निकले जिसके बाद घर वालों के साथ गांव वालों ने राहत की सास ली. जितेन्द्र सारथी ने बताया ये रेस्क्यू (rescue operation) अपने आप में एक चैलेंज था. कोरबा से 52 किलोमीटर दूर ऊपर से 8 घण्टे की कड़ी मेहनत के बाद घर वालों को राहत दिलाना और सांप बच्चों की जान बचा पाना मेरे लिए गर्व का विषय है, अगर रेस्क्यू नहीं किया गया होता तो एक एक कर बच्चों को मार दिया गया होता. साथ ही घर वाले एक बड़ी दुर्घटना का शिकार हो सकते थे.