सवालों के घेरे में CGPSC चयन? CGPSC selection in question? रायपुर। प्रदेश में CGPSC 2021 की चयन लिस्ट को लेकर कई तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं। प्रदेश में ये मसला अब सियासी बन चुका है इसलिए चयन सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए BJP जहां बड़े आंदोलन की तैयारी में है वहीं इसके जवाब में कांग्रेस ने रमन सरकार के कार्यकाल में चयन हुए 48 नामों की सूची जारी की है। इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच दोनों कार्यकाल में हुए चयन क्या गड़बड़ी हुई? देखना होगा अब आगे इसमें क्या ट्वीट्स निकल कर सामने आते हैं।
रायपुर के राजीव भवन में प्रेस वार्ता में कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला (Sushil Anand Shukla) ने प्रदेश के उन 48 अधिकारियों की लिस्ट जारी की है, जो ब्यूरोक्रेट्स और नेताओं के परिवार से ताल्लूक रखते हैं और जिनका सलेक्शन रमन सरकार के समय हुआ है। उन्होनें कहा कि 15 सालों तक मुख्यमंत्री रहने के बाद भी रमन सिंह चयनित सूची पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। मामले में सुशील आनंद शुक्ला (Sushil Anand Shukla) ने कहा है कि पिछले 5 दिनों से प्रदेश के वातावरण को खराब करने की कोशिश विपक्षी दल भाजपा ने की है। जब से CGPSC 2021 के नतीजे आए हैं, बीजेपी इसे लेकर राजनीति कर रही है जो दुर्भाग्यजनक है।
प्रेस वार्ता
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला (Sushil Anand Shukla) ने कहा कि रमन सरकार के कार्यकाल में भी ब्यूरोक्रेट्स नेताओं, व्यवसायी और अधिकारी के बच्चे चयनित हुए थे लेकिन इस पर कांग्रेस ने कभी सवाल खड़े नहीं किए। लोक सेवा आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करने का काम बीजेपी ने किया है। उन्होने कहा कि कैंडिडेट्स अपनी प्रतिभा के आधार पर इस मुकाम को हासिल किया है। इस सूची में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का बेटा है, खुद आंगबाड़ी कार्यकर्ता भी शामिल है।
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उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले मां-बेटे का भी चयन जांजगीर चांपा में हुआ था. हम चयनित अभ्यर्थियों के ऊपर किसी प्रकार का सवाल खड़ा नहीं कर रहे हैं। सुमित अग्रवाल 2008 के बेच में डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुए हैं।समीर मिश्रा, हरसित मिश्रा, दोनो आबकारी विभाग में चयनित हुए थे ।2008 में देवचरण पटेल और दुर्गा चरण पटेल चयन हुए थे। शिवानी जायसवाल और दीपा जायसवाल दोनों 2008 में चयन हुए थे।

बच्चों के भविष्य पर सवाल खड़ा ना करे
सुशील आनंद (Sushil Anand Shukla) ने कहा, पुष्पेंद्र नायक 2011, रूपा सिंह 2012, मनीष साहू और कल्पना साहू दोनों भाई बहन का चयन पीएससी में हुआ था। किसी नेता का रिश्तेदार होना, अधिकार का रिश्तेदार होने से किसी की योग्यता को नकारा नहीं जा सकता।
BJP दिवालिएपन की स्थिति से जूझ रही है इसलिए ऐसे आरोप लगा रही है। लोक सेवा आयोग को बदनाम करने की साजिश है। बच्चों के भविष्य पर सवाल खड़ा ना करे। रमन सिंह अपनी राजनीति करने के लिए बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना करें।

रमन सिंह के पिछले डेढ़ दशक के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल भ्रष्टाचार और अनियमितता का अड्डा बन चुका था।प्रदेश की जनता अभी भूली नही है पीएमटी परीक्षा के प्रश्न पत्र रमन राज में 2011 में बाजारों में बिके थे।
भाजपा का नेता मुंगेली में पीएमटी परीक्षा में सामूहिक नकल करवाते पकड़ाया था।देश के किसी भी व्यवसायिक परीक्षा मंडल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब एक ही परीक्षा को एक साल में चार बार आयोजित कराने की नौबत आई हो।