मुंगेली (छत्तीसगढ़), 27 जुलाई 2025। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के कोसाबाड़ी गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। अंधविश्वास की आग में इंसानियत फिर शर्मसार हुई, जब 7 साल की मासूम बच्ची लाली उर्फ महेश्वरी गोस्वामी की बलि दे दी गई। आरोप है कि यह कृत्य उसके ही रिश्तेदारों ने झाड़फूंक और ‘मनचाही समृद्धि’ पाने के लोभ में किया।
🕯️ 11 अप्रैल की रात हुई थी वारदात, 6 मई को मिली बच्ची की हड्डियाँ
बच्ची अपनी मां के साथ घर में सो रही थी, तभी रात में उसे अगवा कर लिया गया। अगली सुबह वह लापता पाई गई। पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज किया लेकिन महीनों तक कोई सुराग नहीं मिला। अंततः 6 मई को गांव के श्मशान घाट के पास खेत में एक खोपड़ी और अस्थियाँ मिलीं। DNA जांच से पुष्टि हुई कि यह अवशेष लाली के ही थे।
😢 ‘झरन पूजा’ के नाम पर ली गई मासूम की बलि
पुलिस जांच में जो खुलासा हुआ, वह बेहद भयावह था। बच्ची की बलि कथित रूप से ‘झरन पूजा’ नामक काले तांत्रिक अनुष्ठान के दौरान दी गई थी। मुख्य साजिशकर्ता ऋतु गोस्वामी ने अपने पति चिम्मन गोस्वामी और अन्य साथियों के साथ मिलकर यह योजना रची।
🔍 पांच आरोपी गिरफ्तार, तांत्रिक सहित सभी ने जुर्म कबूला
गिरफ्तार आरोपियों में ये नाम शामिल हैं:
-
चिम्मन गिरी गोस्वामी (बच्ची का रिश्तेदार)
-
ऋतु गोस्वामी (मुख्य साजिशकर्ता)
-
नरेंद्र मार्को (बच्ची को उठाने वाला)
-
आकाश मरावी (तांत्रिक अनुष्ठान में शामिल)
-
रामरतन निषाद (झाड़फूंक करने वाला बैगा)
इन सभी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है।
🛠️ ऐसे रची गई खौफनाक साजिश
-
ऋतु ने तांत्रिक रामरतन निषाद से संपर्क किया।
-
नरेंद्र को पैसे देकर बच्ची को रात में घर से उठवाया गया।
-
काले कपड़े पहनाकर तांत्रिक अनुष्ठान किया गया।
-
चाकू से गला रेतकर बच्ची की हत्या की गई।
-
शव को खेत में दफना दिया गया।
👮♀️ विज्ञान और तकनीक से सुलझा मामला
इस जघन्य अपराध की तह तक पहुंचने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस ने साइबर सेल, सीसीटीवी फुटेज, गवाहों के बयान, नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफ टेस्ट का सहारा लिया। हत्या में प्रयुक्त हथियार और पूजा सामग्री भी बरामद की गई है।
⚖️ BNS की गंभीर धाराओं में केस दर्ज
गिरफ्तार सभी आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा:
-
103(1) – हत्या
-
140 – साजिश
-
137(2) – अपहरण
-
61 – बाल अपराध
-
3(5) – अंधविश्वास/तांत्रिक क्रिया से संबंधित अपराध
के तहत मामला दर्ज किया गया है। सभी आरोपी 26 जुलाई को न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए।
💔 गांव में मातम, लोगों में आक्रोश
छत्तीसगढ़ कोसाबाड़ी गांव ही नहीं, पूरा लोरमी इलाका इस घटना से सन्न है। ग्रामीणों ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। लोगों का कहना है कि अंधविश्वास के खिलाफ अब सामाजिक क्रांति जरूरी है।
📣 समाज को चाहिए जागरूकता और सख्त कानून
यह घटना एक बार फिर इस बात को उजागर करती है कि अंधविश्वास आज भी समाज में कितनी गहराई तक फैला है। ऐसे कृत्यों को रोकने के लिए सिर्फ पुलिस नहीं, बल्कि समाज, शिक्षा और धार्मिक जागरूकता का मजबूत दखल जरूरी है।
✍️ रिपोर्ट: [webmorcha.com]
📅 तारीख: 27 जुलाई 2025
📍 स्थान: मुंगेली, छत्तीसगढ़