रायपुर। बीस स्टेडर्ड हॉलमार्क, और गुणवत्ता के लिए, मंत्रालय में छत्तीसगढ़ के सभी संबंधित विभाग प्रमुखों, संचालकों तथा दिल्ली से भारतीय मानक ब्यूरो के उप निदेशक की मीटिंग में चेंबर के उपाध्यक्ष राकेश सेठिया द्वारा छत्तीसगढ़ में, हालमार्क सेंटर कि संख्या बढ़ाने, लाइसेंस फीस को निशुल्क अथवा तर्कसंगत करने और 20 कैरेट की आभूषणों को हालमार्क के दायरे में लाने की अपील की गई है।
सरक्षक श्री सुंदरानी जी और चेंबर अध्यक्ष जैन जितेंद्र के प्रतिनिधि के रूप में, चेम्बर की तरफ से उपाध्यक्ष, राकेश सेठिया ने चेम्बर का पक्ष इस महत्वपूर्ण मीटिंग में रखा!
जानिए क्या है हॉलमार्क :
– हॉलमार्किंग कीमती धातुओं की शुद्धता का प्रमाण-पत्र है। हॉलमार्किंग के अनिवार्य हो जाने से ग्राहकों द्वारा खरीदी जाने वाली ज्वेलरी में सोने की पूरी मात्रा उन्हें मिलेगी। इससे सोने के गहने खरीदने वालों के हितों की रक्षा होगी। ज्वेलर्स इसमें गड़बड़ी नहीं कर पाएंगे।
कठोर दंड भी :
नियमों का पालन नहीं करने वाले ज्वेलर्स के खिलाफ जुर्माने की राशि न्यूनतम 2 लाख व अधिकतम 5 लाख रुपए होगी। इसके अलावा एक साल की कैद का भी प्रावधान है।
पांच बातों पर दें ध्यान :
- भारतीय मानक ब्यूरो का लोगो सोने पर अंकित हो।
- शुद्धता का नंबर लिखा होना चाहिए। 22 कैरेट, 18 और 24 कैरेट के लिए अलग-अलग।
- ब्यूरो के शुद्धता सेंटर का मानक भी अंकित होना चाहिए।
- ज्वेलर्स की दुकान के निशान।
- हॉलमार्क का साल भी अंकित होना चाहिए।
जरूर देखें बीआइएस का निशान :
आभूषण खरीदते समय ग्राहकों को उस पर बीआइएस का निशान अवश्य देखना चाहिए। इसके साथ ही शुद्धता ग्रेड या फिटनेस नंबर की पड़ताल भी अवश्य करें। हॉलमार्किग निशान बेहद बारीक व छोटे होते हैं। इन्हें ज्वेलर्स मैग्नीफाइंग ग्लास की मदद से देखा जा सकता है। फिलहाल देश में 140 हॉलमार्किंग सेंटर हैं।

958 – सोने की 23 कैरेट शुद्धता
916 – सोने की 22 कैरेट शुद्धता
875 – सोने की 21 कैरेट शुद्धता
750 – सोने की 18 कैरेट शुद्धता
708 – सोने की 17 कैरेट शुद्धता
585 – सोने की 14 कैरेट शुद्धता
375 – सोने की 09 कैरेट शुद्धता