छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक साहू समाज के लोग, 30 लाख से अधिक है आबादी, क्वांटिफायबल रिपोर्ट इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित

छत्तीसगढ़। पूर्व कांग्रेस सरकार में बनी क्वांटिफायबल डाटा की रिपोर्ट इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रही है। आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में सबसे अधिक आबादी साहू समाज के लोगों की है। इनकी संख्या 30 लाख 5 हजार 661 है। जानकारी के अनुसार, पूर्व CM भूपेश बघेल के निर्देश पर यह आंकड़े जुटाए गए थे। इसके लिए बाकायदा अफसरों  की नियुक्ति की गई थी। सरकार चेंज होने के बाद अब आंकड़ा लीक हो रही है।

लीक आंकड़ों के अनुसार, यहां OBC वर्ग में अलग-अलग 95 जातियां है। डाटा के आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में दूसरी बड़ी जाति यादव समाज की है। इनकी संख्या 22 लाख 67 हजार 500 बताई गई है। तृतीय श्रेणी में निषाद समाज 11 लाख 91 हजार 818 व चौथे नंबर पर मरार-पटेल समाज आठ लाख 98 हजार 628 हैं।

आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक आबादी व प्रतिशत

क्रं.        जाति                                          आबादी             प्रतिशत

1          साहू (तेली)                                30,05,661         24.03%

2          यादव (राउत)                             22,67,500         18.12%

3          ढीमर (केंवट)                              11,91,818         9.52

4          मरार (पटेल)                               8,98,628           7.18

5          कुर्मी (चंद्रनाहू)                            8,37,225           6.69

6          पनिका                                      4,02,894           3.22

7          कलार (जायसवाल)                      3,91,176           3.12

8          मुस्लिम धर्मावलंबी वर्ग समूह         3,81,323           3.04

09        कोष्टा (देवांगन)                            3,20,033           2.55

10        धोबी (रजक)                               3,16,95             2.53

(नोट-उपरोक्त आंकड़े इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित, इसकी आधिकारिक पुष्टि WeMorcha नहीं करती)

जानें क्या है क्वांटिफायबल डाटा

इसका उद्देश्य राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का सर्वेक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करना था। सामान्य प्रशासन विभाग ने 11 सितंबर 2019 को निर्देश जारी किया। सरकार ने बिलासपुर जिला एवं सेशन जज के पद से सेवानिवृत्त छविलाल पटेल को आयोग का अध्यक्ष बनाया। सर्वे के बाद आयोग के अध्यक्ष ने 21 नवंबर 2022 को भूपेश बघेल सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी। सरकार ने रिपोर्ट का आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया था। सरकार ने इन आंकड़ों के माध्यम में विधानसभा में आरक्षण बिल भी प्रस्तुत किया था।कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन CM भूपेश बघेल के निर्देशों पर क्वांटिफायबल डाटा आयोग का गठन किया गया था।

क्वांटिफायबल डाटा का मामला विधानसभा में गूंजा

क्वांटिफायबल डाटा की रिपोर्ट का मामला बीते दिनों विधानसभा में गूंजा था। BJP विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल में पूछा था कि पूर्ववर्ती सरकार ने जिस डाटा के माध्यम से विधानसभा में कई बिल पेश कर दिए। उसका आंकड़ा अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया। इस मामले पर CM विष्णुदेव साय ने विचार करने की बात कही थी। विधानसभा में अजय चंद्राकर ने डाटा से संबंधित सवाल भी लगाया था। आयोग में आठ से ज्यादा बार पदाधिकारियों का कार्यकाल बढ़ाया गया।

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