महासमुंद. 15 साल के बेमिसाल और ऐतिहासिक कार्यकाल में भाजपा सीएम डा. रमन सिंह अपने कार्यकताओं पर कैसे मेहरबानी दिखा रहे इसका ताजा नमुना महासमुंद जिले में देखने को मिला है। कृपा ऐसी की सीएम कार्यकर्ता के शादी समारोह में शामिल नहीं हो सकें, तो उन्हें गिप्ट के तौर पर भाजपा जिला महिला मोर्चा के अध्यक्ष मीना वर्मा और उसके पति के गोपाल वर्मा के नाम पर 25 हजार रुपए आर्थिक सहायता के रूप में सरकार ने राशि जारी की है।
सबसे नीचे पढ़िए भाजपा का कारनामा: प्रभारी मंत्री ने सरकारी खर्च से लगवा दीं थी स्ट्रीट लाइट
सरकारी खजाने से उपकृत
भाजपा सरकार ने सरकारी खजाने से अपने ही लोगों को उपकृत करने में कोई कसर नहीं छोड़ा। इधर, जरुरतमंदों को शासन-प्रशासन का कई चक्कर काटना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकर्ता को दिए आर्थिक सहायता का नाम पुत्री के विवाह हेतु आर्थिक सहायता के नाम दिया है।
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आईडीबीआई के खाते में जारी राशि
मीना वर्मा खाता संख्या 0770104000014997 राशि 15 हजार रुपए
गोपाल वर्मा खाता संख्या 0770104000043698 राशि 10 हजार रुपए
जरूरमंद के लिए मुठ्ठी बंद
नंद कुमार पिता अंजोर को आर्थिक मदद राशि 3 हजार रुपए
देवेंद्र पिता सखाराम को मदद राशि 5 हजार रुपए
जगन्नाथ तांडी पिता धनीराम को राशि 5 हजार रुपए
इसी उपचार हेतु हिच्छा के सुनीता और अकेश कुमार को 10-10 रुपए दी गई है।
प्रभारी मंत्री ने सरकारी खर्च से लगवा दीं थी स्ट्रीट लाइट
तुमगांव में भाजपा नेता को ढाबा खोलना था, इसलिए राज्य के गृहमंत्री और महासमुंद जिले के पूर्व प्रभारी मंत्री रामसेवक पैकरा ने सरकारी खर्च से खेत में ही बिजली के खंभे, ट्रांसफॉर्मर और स्ट्रीट लाइट लगवा दी। इसके लिए उन्होंने 4.80 लाख रुपए की अनुशंसा की। यह कृषि भूमि स्थानीय किसान मेहतरराम और सीताराम की है। बिजली पहुंचने के दो दिन बाद ही इन दोनों किसानों ने अपनी जमीन भाजपा नेता सोनू और मोनू चावला को बेच दी।
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इन्होंने अब यहां ढाबा खोल लिया है। प्रभारी मंत्री पैकरा से जब पूछा गया कि जिस जमीन पर स्ट्रीट लाइट उन्होंने लगवाई है, वहां कोई आबादी नहीं है तो उनका जवाब भी हैरान करने वाला था। उन्होंने कहा था मैं कभी मौके का निरीक्षण करने नहीं जाता हूं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर राशि आबंटित करता हूं। अगर गलत अनुशंसा की गई है तो इसकी जांच करवाई जाएगी। लेकिन साल भर बाद मामले की जांच नहीं हो पाई। इस तरह के अनेकों मामला है।
सीएम की कृपा वाकई अच्छा हेडिंग और खबर है , क्योंकि आम आदमी सीएम से स्वेछानुदान राशि की मांग करे तो उनकी फरियाद को अनसुनी कर दी जाती है या 2002 की सर्वे नाम खोजवती है सरकार अगर नाम सर्वे सूची मिल भी जाये तो बड़ी मुश्किल राशि मिलती है ….नागेंद्र ठाकुर महासमुंद
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