महासमुन्द। कलेक्टर डोमन सिंह नेे जिला कार्यालय के सभाकक्ष में वीडियों कांन्फ्रेन्स के माध्यम से राजस्व अधिकारियों की साप्ताहिक समीक्षा बैठक ली। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारी मूल दायित्वों को समय पर निर्वहन करते हुए शासन की योजनाओं को प्राथमिकता के साथ पूरा करें। जनकल्याणकारी योजनाओं में पात्रजनों को स्वप्रेरित होकर लाभान्वित कराएं। राजस्व अधिकारी सभी विभागों के साथ समन्यवयक की भूमिका निभाते हुए जनसमस्याओं का त्वरित निराकरण करें। सरकार की मंशा के अनुरूप सभी राजस्व अधिकारी राजस्व न्यायालयों में लम्बित राजस्व मुकदमों की नियमित सुनवाई करें तथा निर्धारित मापदंडों के अनुसार प्रकरणों का निस्तारण कर आमजन को समय पर न्याय प्रदान करें।
कलेक्टर सिंह ने कहा कि राज्य शासन द्वारा अतिक्रमण भूमि के व्यवस्थापन योजना के तहत अतिक्रमणकारियों को जिले के नगरीय क्षेत्रों में भू-स्वामी हक योजनांतर्गत लाभान्वित करें। भू-अर्जन के जितने भी पारित अवार्ड प्रकरणों के अभिलेखों का दुरूस्तीकरण करने एवं भू-अर्जन के लम्बित प्रकरणों को समय-सीमा पर निराकरण करने के निर्देश दिए। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत् स्कूली एवं महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के जाति प्रमाण पत्र शीघ्र जारी करें। जिले में आवर्ती चराई के लिए 86 स्थलों का चयन किया गया हैं। इस पर तत्काल कार्रवाई करने एवं रिकाॅर्ड रूम में जमा करने के निर्देश दिए।
समीक्षा के दौरान वनाधिकार प्रमाण-पत्र के लिए प्राप्त आवेदनों में राजस्व अधिकारी नियमानुसार जांच कर पात्र हितग्राहियों को वनाधिकार प्रमाण-पत्र वितरण करने में गति लाएं। तहसीलवार कार्यालयों के राजस्व रिकार्ड को समय पर ऑनलाईन करने में प्रगति लाने को कहा। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक सप्ताह तहसील स्तर पर पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षक की बैठक अनिवार्य रूप से करें। इस अवसर पर अपर कलेक्टर जोगेन्द्र कुमार नायक, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व महासमुन्द सुनील कुमार चन्द्रवंशी, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती सीमा ठाकुर, श्रीमती ऋतु हेमनानी, सुश्री पूजा बंसल, तहसीलदार मूलचंद चोपड़ा उपस्थित थे।
कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने सभी जनपद के सीईओ एवं सीएमओ की ली बैठक
कलेक्टर डोमन सिंह एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डा. रवि मित्तल ने वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कलेक्टर ने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों में गौठान स्वीकृत कराएं। जिले में 86 आवर्ती चराई स्थल का चयन किया जा चुका है। इन स्थलों पर गौठान, गोधन शीघ्र शुरू किया जाएगा। इसके अलावा जिन ग्राम पंचायतों या आश्रित ग्राम में डेढ़ एकड़ से अधिक की राजस्व की जमीन हैं। उन स्थलों पर गौठान बनाए जायेंगे। इसके लिए भूमि का चिन्हांकन शीघ्र करें। उन्होंने कहा कि ऐसे स्थलों का चयन किया जाए
जहां गौठान के साथ-साथ चारागाह के लिए भी भूमि उपलब्ध हो और उनका प्रस्ताव शीघ्र ही जिला कार्यालय को भेजें।उन्होंने कहा कि जिन स्थलों पर गोबर की खरीदी शुरू नहीं हो पाई थी। वहां गोबर खरीदी का कार्य प्रारम्भ करें। सभी पंचायतों में गोबर खरीदी के कार्य प्रारम्भ कराया जाना है। इसके लिए गौठान बनाना आवश्यक है। जहां गोबर की खरीदी कर वर्मी कम्पोेस्ट बनाया जा सकें। इसके अलावा इन स्थलों पर स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो सके। इस कार्य को युद्धस्तर पर पूरा करें। उन्होंने कहा कि जिन स्थलों में गोबर खरीदी की जा रही है। वहां अनिवार्य रूप से एप में इन्द्राज करें।
उन्होंने अधिकारियों को कहा कि निजी संस्थानों में भी गौठान के वर्मी कम्पोस्ट खाद की बिक्री कराएं। निर्माण एजेंसी अपने निर्माण क्षेत्र के रिक्त स्थलों के आसपास गार्डनिंग कराने के लिए वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग करें। सहकारी समिति के माध्यम से भी किसानों को वर्मी कम्पोस्ट खाद उपलब्ध कराने को कहा। इस अवसर पर कृषि विभाग के उप संचालक एस.आर. डोगरें, पशु चिकित्सक सेवाएं के उप संचालक डाॅ. डी.डी. झारिया, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के नोडल अधिकारी एम.डी. नायक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।