नई दिल्ली | 12 नवंबर 2025: दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार शाम हुए कार ब्लास्ट के बाद देश में सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। लेकिन इस धमाके से पहले फरीदाबाद से बड़ी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट की बरामदगी ने जांच को नया मोड़ दे दिया है। अब सवाल यह है कि — अमोनियम नाइट्रेट आखिर है क्या? क्या ये बम होता है, या खाद के रूप में इस्तेमाल होने वाला एक सामान्य केमिकल? क्या है अमोनियम नाइट्रेट?
अमोनियम नाइट्रेट (NH₄NO₃) असल में एक सफेद क्रिस्टल वाला नमकनुमा पदार्थ है, जिसे अमोनिया और नाइट्रिक एसिड के रासायनिक संयोजन से तैयार किया जाता है।
इसका प्राथमिक उपयोग खाद के रूप में किया जाता है, क्योंकि इसमें नाइट्रोजन की प्रचुर मात्रा होती है जो फसलों की वृद्धि के लिए आवश्यक है। यह पानी में आसानी से घुल जाता है, इसलिए कृषि में इसका उपयोग व्यापक रूप से होता है।
कैसे बनता है विस्फोटक?
अमोनियम नाइट्रेट खुद से नहीं फटता। लेकिन जब इसमें डीज़ल, पेट्रोल या केरोसीन जैसे फ़्यूल ऑयल मिलाए जाते हैं, तब यह एक शक्तिशाली विस्फोटक बन जाता है जिसे ANFO (Ammonium Nitrate Fuel Oil) कहा जाता है। ANFO का इस्तेमाल खनन और निर्माण स्थलों पर नियंत्रित विस्फोटों के लिए किया जाता है।
पर जब यही विस्फोटक गलत हाथों में चला जाता है, तो यह भयावह तबाही मचा सकता है।
इतिहास में अमोनियम नाइट्रेट के बड़े धमाके
अमेरिका (1995, ओक्लाहोमा) – ट्रक में भरे 2,500 किलो ANFO से सरकारी बिल्डिंग उड़ाई गई, 168 लोगों की मौत।
लेबनान (2020, बेरूत) – बंदरगाह के गोदाम में रखे 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट में धमाका, 218 मौतें, 7,000 घायल।
भारत (2007–2012) – यूपी, जयपुर, अहमदाबाद, मुंबई और पुणे के धमाकों में भी ANFO के इस्तेमाल की आशंका जताई गई थी।
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भारत में इसके नियम कितने सख्त हैं?
भारत में 2012 से अमोनियम नाइट्रेट कंट्रोल रूल्स लागू हैं।
इसके अनुसार —
45% से अधिक अमोनियम नाइट्रेट वाला पदार्थ विस्फोटक माना जाता है।
इसे बनाने, बेचने और स्टोर करने के लिए लाइसेंस अनिवार्य है।
हर डीलर को खरीद-बिक्री का पूरा रिकॉर्ड रखना होता है।
फिर सवाल उठता है — इतनी बड़ी मात्रा में पकड़ा गया अमोनियम नाइट्रेट आखिर आया कहां से?
क्या सिस्टम में कहीं भ्रष्टाचार या निगरानी की चूक हुई है?
कहां है सिस्टम में लीकेज?
विशेषज्ञों के अनुसार, अमोनियम नाइट्रेट एक ऐसा पदार्थ है जो खाद और विस्फोटक दोनों के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
कानूनी निगरानी के बावजूद, अगर यह खाद के नाम पर गलत हाथों में पहुंच जाता है, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।
अब जांच एजेंसियों की चुनौती है — उस सप्लाई चेन तक पहुंचना, जहां से यह खतरनाक रसायन सिस्टम से बाहर निकला।
सुरक्षा पर बड़ा सबक
दिल्ली धमाके के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियों ने रासायनिक पदार्थों की निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है —
“आतंकी हमलों में इस्तेमाल होने वाले RDX की तुलना में अमोनियम नाइट्रेट आसानी से उपलब्ध है।
इसलिए इसकी हर खेप की निगरानी बेहद जरूरी है।”








