रायपुर। छत्तीसगढ़ की महिला डीएसपी कल्पना वर्मा से जुड़े कथित विवाद ने प्रदेश की पुलिस व्यवस्था में हलचल मचा दी है। कारोबारी दीपक टंडन और उनकी पत्नी बरखा टंडन द्वारा लगाए गए आरोपों के बीच अब डीजीपी अरुण देव गौतम और रायपुर SSP लाल उमेद सिंह ने मामले की आधिकारिक स्थिति स्पष्ट की है। दोनों अधिकारियों के अनुसार, पुलिस रिकॉर्ड में न तो प्रेम संबंध, न शादी के झांसे और न ही करोड़ों की ठगी से जुड़ा कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज है। फिलहाल विवाद पूरी तरह आर्थिक लेन-देन और आपसी आरोप-प्रत्यारोप का मामला प्रतीत होता है।
डीजीपी अरुण देव गौतम का बयान: “कोई शिकायत नहीं, FIR होने पर होगी जांच”
डीजीपी ने कहा कि अब तक पुलिस मुख्यालय या उनके पास DSP कल्पना वर्मा के खिलाफ कोई शिकायत नहीं पहुंची है। यदि किसी भी थाने में कोई शिकायत दर्ज होती है तो जिला एसपी निष्पक्ष जांच करेंगे और तथ्य सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी।
रायपुर SSP ने दी स्थिति की जानकारी — “दोनों शिकायतें आर्थिक विवाद की”
रायपुर SSP लाल उमेद सिंह के अनुसार—
पंडरी थाना: कल्पना वर्मा के पिता हेमंत वर्मा ने बरखा टंडन के खिलाफ धोखाधड़ी, विश्वासघात और मानसिक प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई है।
खम्हारडीह थाना: बरखा टंडन ने हेमंत वर्मा और राकेश वर्मा पर कार रोक रखने और बदनीयत से चेक भुना लेने की शिकायत की है।
एसएसपी ने स्पष्ट किया कि प्रेम प्रसंग, ब्लैकमेलिंग, लव ट्रैप या ठगी से जुड़ी कोई FIR दर्ज नहीं हुई है। दोनों मामलों की जांच अलग-अलग दिशा में चल रही है और दोनों ही वित्तीय लेन-देन आधारित विवाद हैं।
कारोबारी दीपक टंडन के आरोप, लेकिन FIR नहीं
दीपक टंडन ने मीडिया में दावा किया कि 2021 से उनकी DSP कल्पना वर्मा से नजदीकियां थीं और उनसे करोड़ों रुपये लिए गए। लेकिन इन आरोपों के बावजूद उन्होंने अब तक किसी थाने में शिकायत दर्ज नहीं कराई, जिससे मामले की कानूनी स्थिति अस्पष्ट बनी हुई है।
DSP कल्पना वर्मा का पक्ष: “सभी आरोप निराधार”
कल्पना वर्मा ने सभी आरोपों को बेबुनियाद और उन्हें बदनाम करने की साजिश करार दिया है। उनका कहना है कि उचित जांच के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी।
निष्कर्ष
फिलहाल उपलब्ध पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक पूरा विवाद व्यक्तिगत और आर्थिक लेन-देन से जुड़ा नजर आ रहा है। आने वाले दिनों में पुलिस जांच के आधार पर मामले की दिशा और स्पष्ट होगी।








