रायपुर। सोमवार की सुबह से उपलेखाधिकारी चिंतामणि चंद्राकर के कई ठिकानों पर ईओडब्लू ने छापामार कार्रवाई की थी, जो मंगलवार शाम तक पूरी हुई। जानकारी के अनुसार ईओडब्लू की टीम ने करीब 13 लाख रुपए नगद, 5 करोड़ रुपए से अधिक बेनामी संपति, लैपटाप में लेनदेन का हिसाब-किताब मिला है। टीम ने इसे जांच के लिए जब्त किया है। इसके अलावा टीम को पता चला है कि छत्तीसगढ़ी फिल्म सहित कुछ संस्थाओं में भागीदारी और निवेश करने की भी जानकारी मिली है। तलाशी पूरी होने के बाद चिंतामणी और उनकी पत्नी रीना चंद्राकर से पूछताछ किया गया।
इसी तरह उपलेखाधिकारी चिंतामणि चंद्राकर के पुत्र हर्ष चंद्राकर के तीसरी मंजिल में बने फ्लैट नंबर 303 सी ब्लॉक एनसीसी मीडोज फेज-1 बल्लापुर बेंगलुरू स्थित फ्लैट और चल-अचल संपत्ति का मूल्यांकन स्थानीय जिला प्रशासन के द्वारा करवाया जा रहा है। ईओडब्ल्यू के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से से बताया गया कि उपलेखाधिकारी चिंतामणि चंद्राकर के संपत्ति के श्रोत, बैंक खाता, लॉकर, निवेश की जानकारी हासिल की जा रही है। बतादें कि सोमवार की सुबह से उपलेखाधिकारी चिंतामणि चंद्राकर के कई ठिकानों पर ईओडब्लू ने छापामार कार्रवाई थी।
बताया गया कि उक्त अफसर के पास करोड़ों की काली कमाई का पता चला था। ईओडब्लू को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की खबर मिली थी। इसके बाद ईओडब्लू की चार अलग-अलग टीम ने दुर्ग में स्थित आदर्श नगर स्थित निवास, ससुराल, कांकेर कार्यालय के अलावा बैंगलुरु में उनके पुत्र हर्ष चंद्राकर के भवन पर दबिश दी थी। उपलेखाधिकारी चिंतामणि चंद्राकर ने नान के वरिष्ठ अधिकारियों अपने प्रभाव में रखकर नान के अनेक महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों के पदों पर अपनी पदस्थापना की थी। उस पर आरोप है कि उन्होंने नान के भ्रष्ट अधिकारियों एव कर्मचारियों के साथ सांठगांठ कर उगाही का रेकेट खड़ा कर दिया था।
साल 2015 में ब्यूरो द्वारा नान के विभिन्न दफ्तरों में की गई छापेमारी में मिले दस्तावेजों में भ्रष्टाचार में इसकी संलिप्तता एवं करोड़ों रुपए उगाही करने की जानकारी मिली थी। चंद्राकर अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर कार्रवाई से लगातार बचता रहा है। टीम द्वारा की छापामारी में चंद्राकर द्वारा भ्रष्टाचार कर अवैध उगाही करने के पर्याप्त सबूत मिलने की खबर है, इसलिए माना जा रहा है कि इनके विरूद्ध अब ठोस कार्रवाई संभव है?
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बेंगलुरु में 46 लाख का फ्लैट साले की पत्नी के नाम : बंगलुरू में चिंतामणि के बेटे हर्ष चंद्राकर के निवासरत फ्लैट एनसीसी मिडोस फेस, येलहंका (यशवंतपुर के पहले) में दबिश दी। यह फ्लैट में चिंतामणि के साले की पत्नी के नाम पर है, जिसे 2010 में करीब 46 लाख रुपए में खरीदा गया था। वहां चिंतामणि का बेटा-बहू व पोती रहती है। पूरे घर की तलाशी ली गई और मौके पर मिली बहू से भी पूछताछ की गई। यह भी जानकारी मिली है कि चिंतामणि का बेटा वहां एक म्युजिक इंस्ट्रुमेंट शॉप में काम करता है। वहीं उनका साला एक साफ्टवेयर कंपनी में अच्छे पद पर कार्यरत है। बताया जा रहा है कि जांच में गई टीम को वहां किसी तरह के इनवेस्टमेंट को लेकर न जानकारी न ही प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले।
गुप्ता के करीबी और एमजीएम के ट्रस्टी भी रहे हैं : ब्यूरो के अफसरों के मुताबिक चिंतामणि चंद्राकर को पूर्व डीजी मुकेश गुप्ता का करीबी बताया जा रहा है। वह गुप्ता परिवार द्वार संचालित एमजीएम आई हास्पिटल ट्रस्ट का सदस्य भी है। नान छापे में मिली डायरी में मैडम सीएम के नाम से लेनदेन की एंट्री का उल्लेख मिलता है। इसे लेकर काफी विवाद भी होता रहा है। तब गुप्ता ने सफाई दी थी कि सीएम का मतलब चिंतामणि चंद्राकर है न कि सीएम मैडम। तब से चंद्राकर जांच एजेंसियों के लपेटे में हैं।
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