सृष्टि को संतुलित रखने वाली सनातन धर्म की शक्ति का नाम है दुर्गा : ब्रह्मचारी गुरुदेव

नवरात्रि पूजन
दस महाविद्याओं कर पूजा
महासमुंद के सिन्हा निवास में ब्रह्मचारी गुरुदेव करा रहे महाशक्ति की पूजा

महासमुंद. मां दुर्गा सनातन धर्म की वह शक्ति हैं, जो सृष्टि को संतुलित रखते हुए अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना करती हैं। नवरात्रि आत्मशुद्धि, साधना और शक्ति की उपासना का दिव्य पर्व है। यह वह समय है जब मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना कर उनके आशीर्वाद से श्रद्धालु अपने जीवन को शक्ति, साहस और संकल्प से भर सकते हैं।

उक्त बातें महासमुंद के पंजाबी पारा स्थिति सिन्हा निवास में ब्रह्मचारी गुरुदेव ने कही। श्री महाशक्ति दुर्गा पूजन के अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं को नवरात्र और दुर्गा पूजन के महत्व बताते हुए उन्होंने पुराणों में वर्णित तथ्यों को बताया कि जब भी अधर्म बढ़ता है, तब देवी शक्ति अवतरित होकर न्याय और सत्य की स्थापना करती हैं। महिषासुर वध की कथा हमें यह प्रेरणा देती है कि जब हम सच्चे मन से मां का स्मरण करते हैं और धर्म के पथ पर चलते हैं, तो जीवन की हर विपत्ति पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।

बुधवार को नवरात्र पंचमी के अवसर पर देवी के शृंगार रूप की पूजा करते हुए उन्होंने नारीशक्ति के सम्मान करने का संकल्प दोहराया। आह्वान पर पूजा स्थल पहुंची मां सरस्वती की विशेष पूजा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने सत्य और न्याय के मार्ग पर चलेंने वालों पर सदैव मां के आशीर्वाद बने रहने की बात कही। उन्होंने बताया कि नवरात्रि मनुष्य के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आती है।

बता दें, कि चैत्र नवरात्र के अवसर पर मोहनलाल सिन्हा के निवास में श्री महाशक्ति मां दुर्गा की विशेष पूजा की जा रही है, जहां वेदी रूप में सभी देवी-देवता विराजित हैं, ज्योति स्वरूप में मां दुर्गा की पूजा संध्याकालीन दैनिक हवन के साथ हो रही है। दुर्गा पूजन के इस विशेष यज्ञ में रिटायर्ट व्याख्याता रघुनाथ सिन्हा, दुर्गाप्रसाद सिन्हा, डिप्टी कलेक्टर शंकरलाल सिन्हा और व्याख्याता परसराम सिन्हा मुख्य यजमान के रूप में माता सेवा कर रहे हैं। कलश यात्रा के साथ शुरू हुए दुर्गा पूजन में अग्निदेव की स्थापना पश्चात हिंदू नववर्ष प्रतिपदा के अवसर पर देवी-देवताओं का आह्वान किया गया, उनके साक्षात विराजित होने के बाद नव देवियों का पूजन शुरू हुआ।

अब मां चंडी के लाइव दर्शन के साथ ही आरती में आनलाइन शामिल हो सकेंगे श्रद्धालु

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