महासमुंद। सिरपुर जंगलों में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। शासन-प्रशासन हाथियों को इस क्षेत्र से खदेड़ने कई प्रयास किए लेकिन विफल साबित हुए। अभी हाल ही में एक नर हाथी की मौत करंट की चपेट में आने से हुई थी। घटना को अंजाम देने वाले केशलडीह के दो लोग जेल में हैं। लेकिन दूसरे पक्ष जिन कर्मचारियों की उस क्षेत्र में गश्त की ड्यूटी लगाई गई है। वो कहां थे। आखिर उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई, लोग जानना चाहते हैं। इस बात से नाराज ग्रामीणों में गुस्सा है। ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों के उत्पात से यहां रहना मुश्किल हो गया हैँ। लेकिन शासन-प्रशासन को इससे मतलब नहीं है। लाखों रुपए जंगल में गश्त के नाम खर्च कर रहे हैं। लेकिन, घर में आराम फरमा रहे हैं, ग्रामीण रात-दिन खुद के सुरक्षा में जाग रहे हैं।
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ऐसे होगी महापंचायत
आयोजन समिति हाथी भगाओ फसल बचाओ समिति के सदस्य परदेशी राम बरिहा, पोषण यादव, मनराखन ठाकुर, रुपसिह नेताम, रमाकान्त ध्रुव्, नरेश पटेल, मोहन चन्र्दाकर, दीनाराम धुरुव, तोषन सेन, संयोजक राधे लाल सिन्हा
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ने बताया कि हाथी प्रभावित सिरपुर क्षेत्र के सुकुलबाय पंचायत के केशलडीह में 29 जुलाई दिन रविवार को दोपहर 3 बजे एक आवश्यक बैठक रखी गई है। जिसमें हाथी आबादी एव़ खेत मे लगे फसल थरहा को खा कर पैर तले रौद रहा है। वन विभाग गश्त के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है।
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वन विकास निगम का पूरा क्षेत्र हाथी विचरण होने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। शासन प्रशासन किसानों की मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया अब किसान आगे की रणनीति तय करने बैठक का आयोजन किए हैं।
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जिसमें किसान हाथी का उत्पात बढ़ते ही जा रहा है। थमने का नाम नही ले रहा है। इनकी संख्या दिनों-दिन बढ रही है। जिससे जन हानि फसल हानि ज्यादा से ज्यादा होने की सम्भावना है। अधिक से अधिक सख्या में बैठक में ग्रामीणों को भाग लेने अपील किए हैं।
यहां देखिए अफसरों की ऐसे लगाई गई है ड्यूटी
