महासमुंद. पूर्व विधायक एवं भारतीय जनता पार्टी के नेता डॉ. विमल चोपड़ा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के सम्मान समारोह को सामाजिक न होकर शासकीय रूप से आयोजित कार्यक्रम कहा है. उन्होंने कहा है कि अनेक दिनों से यह प्रचारित किया जाता रहा कि पिछड़ा वर्ग समाज द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है पर पूर्ण व्यवस्था सामाजिक न होकर शासकीय नजर आयी. कार्यक्रम में शासकीय मशीनरी का प्रयोग जमकर किया गया, भीड़ जुटाने से लेकर स्वागत की पूरी व्यवस्था प्रशासनिक रही.
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समाजों के नाम से बनाए गए मंच एवं स्वागत की व्यवस्था तक में समाज का कोई योगदान नहीं रहा, शासकीय कर्मचारियों के साथ-साथ स्काउट गाइड के छोटे-छोटे छात्रों का भी बेहद लज्जाजनक तरीके से उपयोग किया गया भरी दोपहरी में उन्हे सड़कों पर खड़ा रखा गया. हाईस्कूल खुले रहने के बावजूद स्कूल समय में मैदान का उपयोग कर बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान पैदा किया गया, एक दिन कार्यक्रम के कारण और दो-तीन दिनों तक तैयारी के नाम पर पढ़ाई बर्बाद की गई.
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डॉ. चोपड़ा ने कहा कि जितने भी भूमिपूजन व लोकार्पण किए गए वे सब पूर्व कार्यकाल का कार्य है हां, कुछ कार्य अभी के हैं जैसे- गौठान का बाकी सब कार्य केंद्र सरकार का कार्य है. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भव्यता के लिए जो पैसे की बर्बादी की गई वह अकाल की छाया से ग्रस्त छत्तीसगढ़ के लिए कतई उचित नहीं कही जा सकती. अभी समय ऐसा है कि एक-एक पैसा बचाकर अकाल की आशंका से ग्रस्त किसानों के लिए सहेज कर रखा जाए. कर्ज से पीड़ित छत्तीसगढ़ में ऐसी भव्यता के लिए खर्च को कहीं से भी उचित नहीं ठहराया जा सकता. यह एक प्रकार से कर्ज से लदे छत्तीसगढ़ की कमर तोड़ने वाला साबित हो गया.
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