महासमुंद। सिरपुर जंगल में हाथियों के उत्पात रोकने पांच महीने पूर्व कुमकी हाथी लाया गया। लेकिन इससे कोई लाभ नहीं मिल रहा था। महासमुंद विधायक डा. विमल चोपड़ा और ग्रामीणों ने जब कुमकी हाथी को लेकर वन विभाग पर भ्रष्ट्राचार का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। तब कही जाकर वन विभाग नींद से जागते हुए अभियान की शुरुआत शनिवार से किया है।
लहंगर जंगल में भेजे गए कुमकी हाथी
- बतादें कि वर्तमान में 17 हाथियों का दल लहंगर जंगल मरघट नाला के पास है।
- वन विभाग शनिवार को फोर्स के साथ यहां कुमकी हाथी को छोड़ने पहुंचा है।
- इसके जरिए जंगली हाथियों में रेडियों कार्लर लगाया जाएगा, जिसके माध्यम से हाथियों की मूवमेंट का पता चल सकेगा।
कुमकी हाथी के साथ 8 प्रशिक्षित महावत
- कुमकी हाथियों के साथ 8 प्रशिक्षित महावत को जंगल के भीतर भेजा गया है।
- पांच महीने पूर्व 25 जनवरी 2018 को यहां कुमकी हाथी को लाया गया है।
- लेकिन सुस्त रवैए के चलते इन प्रशिक्षित हाथियों का उपयोग नहीं किया जा रहा था।
ग्रामीणों ने कहा रेडियों कार्लर लगाकर सरकार पूजा करें
- हाथी भगाओं के संयोजक राधेलाल सिन्हा ने कहा मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने कहा था कि हाथी गणेश भगवान का रूप है, इसलिए इसकी पूजा करों।
- लेकिन जिस तरह इस क्षेत्र के लोग हाथी से भयभीत और प्रताड़ित हैं ऐसे में कैसे पूजा करें।
- सिन्हा ने कहा पांच महीने बाद अब रेडियो कार्लर लगाने की दिशा में काम शुरू की गई है।
- लेकिन रेडियों कार्लर से वन विभाग कैसे हाथियों को भगाएगा यह बड़ा सवाल है।
- उन्होंने कहा कि रेडियों कार्लर से ज्यादा सूचना तंत्र तो ग्रामीण हैं, जब ग्रामीणों द्वारा हाथियों का स्पष्ट लोकेशन बताने और सूचना देने के बाद भी वन विभाग के अफसर नहीं पहुंचते थे,
- ऐसे में अब ग्रामीणों का विभाग से भरोसा खत्म हो चुका है।
- इससे अच्छा है कि सरकार रेडियो कार्लर लगा ले और अपने घर ले जाकर पूजा करें, अब ग्रामीणों को ऐसी पूजा की जरूरत नहीं है।