गरियाबंद। गरियाबंद जिले के नक्सल क्षेत्र में चार दिन पहले कमार युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या की गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस (Police) ने दोबारा कब्र की खुदाई करवाकर शव निकाला है। फॉरेंसिक टीम (forensic team) सैंपल इकट्ठा कर जांच में जुट गई है। मामला अमलीपदर थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के अनुसार, खरीपथरा पंचायत से 8 किमी की दूरी पर हाड़ाखाल पारा के जंगल में बलमत सोरी (40) रहता था। कमार जनजाति के इस व्यक्ति की 8 मई की देर रात गोली मारकर हत्या (the killing) कर दी गई थी। इस रात बलमत की पत्नी अपने 3 बच्चों के साथ कूहीमाल में चल रहे नामजाप यज्ञ में शामिल होने के लिए गई थी। मोहल्ले में रहने वाले 8 परिवार के ज्यादातर सदस्य भी यज्ञ में शामिल होने के लिए कूहीमाल गांव गए हुए थे।
दूसरे दिन मिला शव
अगले दिन सुबह जब परिवार घर लौटा, तो घर के मुहाने पर लहूलुहान शव देख उनके होश उड़ गए। वारदात की सूचना उन्होंने तुरंत ग्राम सरपंच के माध्यम से पुलिस को दी।थाना प्रभारी चंदन मरकाम ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया गया। जांच में सिर में गोली लगने से मौत होने की पुष्टि हुई। जिसके बाद अज्ञात आरोपी के खिलाफ 9 मई को धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया।
40 से अधिक लोगों से हुई पूछताछ
हाड़ाखाल पारा का जंगल नक्सल प्रभावित है, लेकिन जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया गया है, वो देखकर पुलिस का कहना है कि नक्सली इस तरह से हत्याएं (the killing) नहीं करते। शव के हाथ में कटारनुमा हथियार भी मिला था। जिससे आशंका जताई गई कि विवाद के बीच व्यक्ति ने अपनी जान बचाने की कोशिश की होगी। पुलिस ने कहा कि हत्या के पीछे आपसी रंजिश या कोई और वजह हो सकती है, जिसकी जांच की जा रही है। परिजनों के बयान के आधार पर पुलिस ने पिछले 3 दिनों में 40 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है।
जमीन के कब्जे से जुड़ा हो सकता है झगड़ा
पूछताछ में वारदात की रात गोली की आवाज सुनने और जमीन कब्जे से जुड़े विवाद की बात सामने आ रही है। एसडीओपी अनुज गुप्ता ने बताया कि घटना से जुड़े तकनीकी साक्ष्यों और हत्यारों तक पहुंचने के लिए फॉरेंसिक जांच की जरूरत थी, इसलिए शनिवार 13 मई को विधिवत परमिशन लेकर कब्र की खुदाई करवाकर लाश निकाली गई है। रायपुर से आई फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम ने सैंपल इकट्ठा किया है, जल्द ही आरोपी गिरफ्त में होंगे।
जानकारों के मुताबिक, जंगल में बसे लोगों पर नक्सली मुखबिरी के आरोप में जानलेवा हमला करते हैं। दहशत फैलाना उनका मकसद रहता है, इसलिए वे हत्या (the killing) के बाद पर्चा फेंक कर घटना की जवाबदेही ले लेते हैं। मृतक के शव के एक हाथ में कटारनुमा हथियार था, माना जा रहा है विवाद के बीच मृतक ने अपनी जान बचाने की कोशिश की होगी, लेकिन आरोपी उसे मारकर फरार हो गया होगा।