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यहां देखिए… आश्रम के नुकीले छड़ों को पार करने के बाद मिलता है एक गुंडी पानी !
घोड़ारी में पेयजल के लिए मशक्कत, जान जोखिम डाल कांटेदार गेट को फांद रही महिलाएं
महासमुंद. गर्मी ठीक से शुरू भी नहीं हुआ है और गांवों में पेयजल की समस्या बढ़ने लगी है। शहर से 8 किमी दूर ग्राम घोडारी जहां महानदी का बहाव होता है, लेकिन यहां पानी के लिए लोग मशक्कत रहे हैं। स्थिति यह है कि यहां के लोग जान-जोखिम में डाल एक गुंडी पानी की जुगत में लगे हुए हैं।
ऐसे कर रहे पेयजल की व्यवस्थ घोडारी वार्ड -एक जहां हैंडपंप तो हैं लेकिन सूख चुका है, इसी वार्ड में बालक अनुसूचित जाति आश्रम है, जहां परीक्षा के बाद बच्चों को आश्रम से छुट्टी दे दी गई है।
- यहां सौर उर्जा के तहत बोर संचालित है, जिसमें हर वक्त पानी का बहाव होता है।
- लेकिन आश्रम के बाहर गेट में ताला लगा देने के कारण लोगों को भीतर घुसने में परेशानी होती है
- आश्रम प्रबंधन ने अंदर कोई न घुसे इसके लिए गेट में कांटादार छड़ भी लगा दिए हैं।
- लेकिन लोग इसकी परवाह किए ही अंदर घुस रहे हैं, जहां कभी भी हादसा हो सकता है।
ग्रामीणों ने कहा कोई सुनने वाला नहीं
- आश्रम में अधीक्षक सहित चौकीदार की डयूटी लगाई गई है, लेकिन कभी आते नहीं.
- जब पानी बेकार बह रहा है तो गेट की चाबी को ग्रामीणों को दे देते.
- पंच-सरपंच को इस संबंध में कई बार बोल चुके, लेकिन ध्यान नहीं देते.
ऐसे भरते हैं पानी
- यहां पानी भरने वाले महिलाएं ही है.
- गेट के भीतर जाने के लिए महिलाओं की पारी लगाई गई है.
- दो महिलाएं अंदर घुसती है.
- अन्य महिलाएं बाहर खड़ी होकर अपने बर्तन भरने और गेट के पास आने का इंतजार करते हैं।
- पानी भरने के लिए बच्चों से भी सहयोग लेते हैं
- ग्रामीणों ने बताया कि रोजाना इस तरह 100 से भी अधिक लोग पानी भरते हैं.
