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CGPSC चयन पर हाईकोर्ट का प्रश्न: चीफ जस्टिस बोले- अफसरों और नेता के रिश्तेदारों का कैसे हुआ सिलेक्शन, याचिका पर आज भी सुनवाई

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बिलासपुर। CGPSC (सीजीपीएससी) में हुए भर्तियों को लेकर हाईकोर्ट ने MLA ननकीराम कंवर की याचिका स्वीकार कर ली है। कोर्ट ने सवाल उठाया है कि ऐसा क्या संयोग है कि चेयरमैन और नेताओं की बेटी और रिश्तेदारों का सिलेक्शन हो गया। कोर्ट ने पूछा है कि क्या ये सारी नियुक्तियां हो चुकी हैं। इस पर आज सुनवाई है। डिवीजन बेंच ने उनकी नियुक्ति पर रोक लगाने के लिए कहा है। साथ ही पूछा है कि क्या इन्हें नियुक्ति आदेश जारी कर दिया गया। इस केस में PSC और राज्य शासन को जवाब पेश करने के लिए कहा गया है।

पूर्व गृहमंत्री और BJP के सीनियर MLA ननकीराम कंवर ने वकील संजय कुमार अग्रवाल के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सवाल किया है कि CG-PSC में अधिकारी और नेताओं के बेटे-बेटियों सहित रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर, DSP  जैसे पद दिए गए हैं।

कंवर ने भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि भर्तियां की नियुक्ति इसलिए सवालों के घेरे में है, क्योंकि कई होनहार और प्रतिभावान छात्र को दरकिनार कर दिया गया है। यह भी आरोप है कि अफसरों के रिश्तेदारों को अच्छा पद बांटा गया है, जिसका असर दूसरे प्रतियोगियों पर हुआ है और उन्हें छोटे पद दिए गए हैं।

नियुक्ति पर उठाया सवाल

MlA ननकीराम कंवर ने अपनी याचिका में राजभवन के सचिव अमृत खलको के बेटे और बेटी के डिप्टी कलेक्टर बनने के साथ ही PSC चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के कई रिश्तेदारों, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के रिश्तेदारों के भी चयन पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा है कि PSC में जिम्मेदार पद पर बैठे लोगों ने सिर्फ रेवड़ियों की तरह नौकरियां नहीं बांटी बल्कि इसकी आड़ में करोड़ों का भ्रष्टचार भी किया है।

एडोकेट बोलें, संवैधानिक पद होने के कारण नहीं बनाया पक्षकार

केस की सुनवाई मंगलवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच में हुई। प्रारंभिक सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के पक्षों को सुनकर उन्होंने हैरानी जताई और पूछा कि प्रकरण में PSC चेयरमैन को पक्षकार क्यों नहीं बनाया गया है। तब याचिकाकर्ता के एडवोकेट संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि चेयरमैन संवैधानिक पद है, जिसके कारण उन्हें पक्षकार नहीं बनाया गया है।

चेयरमैन के करीबी और रिश्तेदारों का चयन- चीफ जस्टिस

चीफ जस्टिस बोले कि PSC सहित दूसरी संस्था में अधिकारी के बच्चे का चयन होना स्वाभाविक है। लेकिन, ऐसा क्या संयोग है कि PSC के चेयरमैन के करीबी रिश्तेदारों का चयन हुआ है। यह बहुत गलत बात है। कोर्ट ने कहा कि इनकी नियुक्ति रोक दीजिए। डिवीजन बेंच ने चेयरमैन, अधिकारी और सत्ताधारी दल के नेताओं के करीबियों के 18 पदों की नियुक्ति की जांच कराने के निर्देश भी दिए हैं।

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चेयरमैन के बेटे का सरनेम छिपाया था

कोर्ट में दाखिल आरोप पत्र के अनुसार चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के पांच रिश्तेदारों की नियुक्ति की सूची सौंपी गई है। जिसमें बेटे नितेश की नियुक्ति डिप्टी कलेक्टर के पद पर की गई है और उनके सरनेम को छिपाया गया है। उनकी बहू निशा कोशले का भी चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है।

उनके बड़े भाई के बेटे साहिल का चयन DSP  के पद पर हुआ है। इसमें भी सरनेम नहीं लिखा गया है। उनके भाई की बहू दीपा अजगले आदिल की नियुक्ति जिला आबकारी अधिकारी और बहन की बेटी सुनीता जोशी को श्रम अधिकारी बनाया गया है।

आयोग के सचिव के रिश्तेदार सुमित ध्रुव डिप्टी कलेक्टर। राज्यपाल के सचिव अमृत खलको की बेटी नेहा खलको डिप्टी कलेक्टर। उनके बेटे निखिल खलको डिप्टी कलेक्टर। बस्तर नक्सल ऑपरेशन के डीआईजी ध्रुव की बेटी साक्षी ध्रुव डिप्टी कलेक्टर।

कांग्रेस नेता के OSD के रिश्तेदार की बेटी प्रज्ञा नायक डिप्टी कलेक्टर। कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार के बेटे प्रखर नायक डिप्टी कलेक्टर। वरिष्ठ कांग्रेस नेता की बेटी अनन्या अग्रवाल डिप्टी कलेक्टर। कांग्रेस नेता सुधीर कटियार का दामाद शशांक गोयल डिप्टी कलेक्टर। उनकी बेटी भूमिका कटियार डिप्टी कलेक्टर।

कांग्रेस नेता के OSD के साढू भाई की बेटी खुशबू बिजौरा डिप्टी कलेक्टर। कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की बेटी स्वर्णिम शुक्ला डिप्टी कलेक्टर। कांग्रेस नेता का बेटा राजेंद्र कुमार कौशिक

BJP प्रवक्ता ने ट्वीट किया कोर्ट का लाइव स्ट्रीमिंग

CG-PSC में गड़बड़ी को लेकर दायर याचिका की सुनवाई और चीफ जस्टिस की सख्ती के बाद भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने लाइव स्ट्रीमिंग का Video शेयर किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि पीएससी परीक्षा 2021 घोटाले को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 18 की नियुक्ति पर रोक लगाकर राज्य सरकार और पीएससी चेयरमैन टामन सोनवानी पर निशाना साधा।

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