महासमुंद। प्रदेश के सभी जिलों से महासमुंद जिला गौ-तस्करी मामले में नम्बर-एक पर आ पहुंचा है। मवेशी बाजार के नाम पर हो रही अंधाधुंध तस्करी को लेकर हिंदू और राष्ट्रवादी संगठनों ने गौ-तस्करी के खिलाफ आंदोलन प्रारंभ कर दिया है।
- आन्दोलन की शुरुआत सरायपाली में रैली व सभा के साथ हुई। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने रैली निकालकर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया।
- संगठन के कार्यकर्ताओं ने मवेशी बाजार को तत्काल प्रभाव से बंद करने, गौ-तस्करी बंद करने, गौ-तस्करों पर कड़ी कार्यवाही व गौ-सेवा आयोग के नियमों को कठोरता से लागू करने की मांग की।
- सभा में प्रांतीय अधिकारियों व गौ-रक्षकों ने कहा कि शासन-प्रशासन गौ-तस्करों के सेवक बन बैठे हैं, जिला प्रशासन गौ-सेवा आयोग के नियमों को मानने को तैयार नहीं है।
गौ-रक्षकों को मिल रही धमकी
- शासन-प्रशासन के कुछ लोगों की मिलीभगत से गौ-तस्करों के हौसले बुलंद है।
- गौ-रक्षकों को मवेशी बाजार के ठेकेदार व गौ-तस्करों द्वारा लगातार धमकी भी दी जा रही है।
- गौ-रक्षकों को झूठे मामले में फंसाने की साजिश व झूठे आरोप लगाना आम बात हो गई है।
- कुछ महीने पहले भी बसना में मवेशी बाजार के एक ठेकेदार द्वारा गौ-रक्षक पर बंदूक तानी गई थी, जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।
- मवेशी बाजार से गौवंश पैदल व गाड़ी के माध्यम से तस्करी कर ओडिशा ले जा रहे हैं।
- गौवंश के परिवहन के लिए कलेक्टर की लिखित आदेश की आवश्यकता होती है। जबकि, आज तक एक भी आदेश जारी नहीं किया गया।
रैली और सभा में संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद थे।