नई दिल्ली: चंद्रयान-2 का लैंडर ‘विक्रम’ आज शुक्रवार मध्य रात्री के बाद इतिहास रचने वाली है। लैंडर ‘विक्रम’ चांद की सतह पर ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए लगभग तैयार है. ‘विक्रम’ चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के कई रहस्यों को सामने ला सकता है. चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ को शुक्रवार और शनिवार की मध्यरात्रि 1 बजे से 2 बजे के बीच चांद की सतह पर उतारने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और यह रात डेढ़ से ढाई बजे के बीच चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. इसरो का कहना है चांद का दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र बेहद दिलचस्प है क्योंकि यह उत्तरी ध्रुव क्षेत्र के मुकाबले काफी बड़ा है और अंधेरे में डूबा रहता है.
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चांद का दक्षिणी ध्रुव अब तक अनजाना रहा है. चांद का एक दिन धरती के 14 दिन के बराबर होता है। हालांकि, चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगा रहा ऑर्बिटर एक साल तक मिशन पर काम करता रहेगा। अगर लैंडर विक्रम चंद्रमा की ऐसी सतह पर उतरता है जहां 12 डिग्री से ज्यादा का ढलान है तो उसके पलटने का खतरा रहेगा। चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के उतरने की घटना का गवाह बनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसरो मुख्यालय में मौजूद रहेंगे। मोदी के साथ स्पेस क्विज जीतने वाले देशभर के 70 बच्चे और उनके माता-पिता को भी इसरो ने आमंत्रित किया है। इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस के यान चांद के दूसरे हिस्से में उतर चुके हैं।
ISRO: The soft landing of #Chandrayaan2 Vikram lander on lunar surface is scheduled between 1:30 am to 2:30 am on Saturday, September 07, 2019. This will be followed by the Rover roll out between 5:30 am to 6:30 am. pic.twitter.com/GCGYrYlohv
— ANI (@ANI) September 6, 2019
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