दिलीप शर्मा छत्तीसगढ़। महासमुंद: प्रदेश में एक मेडिकल ऐसा है जो दस साल से पॉलिथिन का बहिष्कार कर रखा है। अमूमन ऐसा दुकान शायद ही प्रदेश में कही देखने को मिले जहां पॉलीथिन का उपयोग नहीं किया जाता हो। दुकानदार अपने दुकान में यह कहकर पॉलिथिन का उपयोग करते हैं कि ग्राहक समझते नहीं।
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पर्यावरण बचाने संकल्पित
इस मिथ्या को महासमुंद जिले के कोमाखान का रहने वाला मेडिकल संचालक मनोज ठाकुर ने तोड़ दिया है। मनोज का कहना है जब तक हम पर्यावरण बचाने दृण संकल्पित नहीं होंगे तो दूसरे को कैसे प्रेरित करेंगे।
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उन्होंने बताया कि कुछ दिनों तक ग्राहकों को समझाने में समय लगा अब तो सभी ग्राहक दवाईयां खरीदने उनके दुकान में थैला लेकर पहुंचते हैं।
मनोज ठाकुर काे ग्रीन केयर सोसायटी ने किया सम्मान
ग्रीन केयर सोसायटी के विश्वनाथ पाणीग्रही एवं शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक स्कूल के विद्यार्थी मेडिकल में पहुंचकर मनोज ठाकुर को फुल गुच्छ देकर सम्मान किए।
ऐसे कदम सबकों उठाने की जरूरत
पॉलीथिन बाजार में दुकान से आता है, ख्ररीदने वाले दुकानदार ही हैं, ऐसा नहीं हैं दुकान में पॉलीथिन नहीं रखेंगे तो सामग्री नहीं बिकेगी। बावजूद लोगों में जनजागरुकता नहीं होने के कारण सरकार के पॉलीथिन बैन का असर अब तक नहीं हुआ है।
जानिए उप्र में 15 जुलाई से फिर बैन का आदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 15 जुलाई से पॉलीथिन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लग जाएगा।
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कानपुर इसकी अगुवाई करेगा। पॉलीथिन प्रदूषण का सबसे बड़ा कारक है।
इस पर रोक लगाना जरूरी हो गया था।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी घोषणा पिछले मंगलवार को कानपुर में की थी।
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मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट करके लिखा है कि 15 जुलाई के बाद प्लास्टिक के कप, ग्लास और पॉलिथीन का इस्तेमाल किसी भी स्तर पर न हो।
इसमें आप सभी की सहभागिता जरूरी होगी।
बैन तो लगाई गई लेकिन ठोस कदम नहीं
देश के कई राज्यों में पॉलीथिन व प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की कागजी घोषणा की जा चुकी है । लेकिन पॉलिथीन व प्लास्टिक के सार्वजनिक रुप से होने वाले बेतहाशा प्रयोग को रोकने कारगर कदम नहीं उठा पाए।