महासमुंद: महासमुंद विधानसभा के विधायक डा. विमल चोपड़ा और उनके समर्थकों पर पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्वक हुई लाठी चार्ज को लेकर मजिस्ट्रेट जांच होगी। इस घटना को लेकर शासन में काफी नराजगी देखी जा रही है। सूत्रों की माने तो घटना से राज्य सरकार की छवि धूमिल हुई है। इसलिए मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। माना जा रहा है कि जांच के बाद अफसरों के उपर कार्रवाई संभव है।
घटना को लेकर मंत्रिमंडल नाराज
बहरहाल इस घटना को लेकर मंत्रिमंडल के अधिकांश सदस्य और कांग्रेस के विधायक डा. चोपड़ा पर लाठी बरसाने को लेकर नाराज हैं।घटना को लेकर में पुरजोर कार्रवाई के पक्ष में है। सत्ताधारी लोगों का मानना है कि इस घटना से सरकार की छवि प्रभावित हुई है। ऐसे में कड़ी कार्रवाई कर महासमुंद के जनता का विश्वास जीतने की कोशिश की जाए।
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घटना को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह चिंतित और गंभीर हैं। घटना की रिपोर्ट सीएम को मिलने के बाद उनके निर्देश पर महामसुंद कलेक्टर की ओर से मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं।
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हालांकि विधायक डा. चोपड़ा की ओर से न्यायिक जांच की मांग की गई है। जबकि सीएम ने मामले में कहा है कि जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने पर दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी। सरकार खुद इस मामले को लेकर गंभीर है। ऐसे में बड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
पूरे जिलेभर में लाठी चार्ज को लेकर गुस्सा
विधायक डा. विमल चोपड़ा और उनके समर्थकों पर हुई लाठी चार्ज को लेकर जिलेभर के विभिन्न संगठनों ने निंदा की है। लोगों में पुलिस कार्रवाई को लेकर गुस्सा है। बतादे कि डा. विमल चोपड़ा कई सालों से शराब बंदी को लेकर अभियान चला रहे हैं। इसलिए पुलिस के साथ शराब माफियाओं को डा. चोपड़ा का ासंबध ठी नहीं है। जिस दिन लाठी चार्ज की घटना हुई उस दिन भी पुलिस शराब माफियाअों के इशारे में तत्काल एफआईआर दर्ज कर विधायक एवं उनके समर्थकों को आक्रोशित होने के लिए मजबूर किया था। इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि शराब से जुड़े लोगों ने थाने के भीतर पुलिस प्रशासन जिंदाबाद और विमल चोपड़ा मुर्दाबाद का नारा लगाए थे।