महासमुंद। नौ सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ के किसान महासमुंद में 12 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे थे। लेकिन शासन प्रशासन द्वारा किसी तरह की सूध नहीं लिए जाने से धरनारत पांच किसान 160 किमी बिलासपुर हाईकोर्ट जाने का फैसला लिया और बुधवार को यहां से निकले हैं। ध्रनारत किसानों का समर्थन में भारी संख्या में किसान पहुंचे थे।
जानिए यह है किसानों की मांगें
– स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार किसानों के ऊपज का लागत मूल्य किसान निर्धारित करें, जिस पर 50% लाभकारी मूल्य जोड़कर समर्थन मूल्य में 12 माह धान खरीदी हो तथा महंगाई के अनुरूप किया जाए।
– 10 प्रतिशत हर साल वृद्धि और यह कानूनी रूप मिले साथ ही किसानों को कर्ज मुक्त किया जाए, लंबे समय से शोषण से मुक्ति दिलाया जाए।
– दोे साल का बकाया बोनस किसानों को दिया जाए।
– सूखा की मर झेल रहे किसानों को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग।
-किसानों के लिए न्यायालय स्थापना की मांग।
– सरकार द्वारा की गई वादे को पूरा किया जाए।
– कृषि को उद्योग का दर्जा देने के साथ भूमि हीन को जमीन देने की मांग।
रोजना 15 किमी की होगी पदयात्रा
किसान पैदल यात्रा करते हुए बिलासपुर उच्च न्यायालय के चौखट तक पहुंचेंगे यात्रा रोजाना 15:20 किलोमीटर के बीच पर पड़ाव डाला होेगा। अनशनधारी किसानों के साथ चल रहे अन्य किसानों के लिए रास्ते में भोजन की व्यवस्था होगी।
इन स्थानों से होकर गुजरेंगे किसान
बेमचा, परसदा, कौंदकेरा तुमगांव, पटेवा, झलप, पिथौरा, साकरा, बसना सिंघनपुर, सरायपाली, सारंगढ़, बिलाईगढ़, शिवरीनारायण होते हुए उच्च न्यायालय पहुंचेंगे।
यह किसान अन्न तरूाग कर रहे अनशन
छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले किसान जागेश्वर चंद्राकर जुगनू, राधेश्याम शर्मा, गजेंद्र कोसले, कौशल देवांगन व तिलकराम साहू केवल जल ग्रहण कर उपवास रखे हुए हैं। पदयात्रा को किसान नंदकुमार चंद्राकर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। किसान मजदूर नेता रामगुलाम ठाकुर, मणीलाल चंद्राकर, पारसनाथ साहू, तेजराम विद्रोही, ललित कुमार साहू आदि ने पदयात्रा में कदम से कदम बढ़ाया। बेमचा पहुंचने पर पदयात्रियों को स्वागत पुष्पवर्षा से किया गया। यहां किसानों ने पदयात्रा के संबंध में संबोधित किया।