बसना सहित पूरे जिले में अवैध् ईंट भट्ठों की भरमार है। जगंल क्षेत्र में होने के अलावा शहर के समीप सड़कों किनारे में संचालित है. माइनिंग विभाग की शह पर चल रही इन अवैध कारोबार को रोका नहीं जा रहा है। जिसके कारण लगातार पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है. यहां तक वन क्षेत्र में भी भारी संख्या में ईंट भट्ठों का संचालन किया जा रहा है।
- बसना नगर में जहां देखा जाए तो सड़कों के किनारे कइ ईंट भट्टे अवैध रूप से संचालित है । वही नगर के आसपास के गांवों में भी सड़कों के किनारे लगे खेतों को खोद कर ईंट बनाने व जलाने का कार्य कोयले, भूसे व लकड़ी से किया जा रहा है।
विभागीय अमला फरमा रहे आराम

- ईंटों को बनाने के लिए जंगल कटाई का सिलसिला लगातार जारी है। वन विभाग के अफ़सर भी ध्यान नहीं दे रहे हैं.
- खासकर राहगीर और सड़क पर चलने वालों लोगों को ईंट भटठें से निकलने वाली राख और धुआं से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
- इधर अवैध रूप से संचालन करने से शासन को राजस्व की नुकसान हो रही है.
हजारों की संख्या में भट्ठों का संचालन
- माइनिंग विभाग द्वारा गिनती के ही ईंट भट्ठों को ईंट पकाने की अनुमति दी है.
- लेकिन जिले में हजारों की संख्या में भट्ठों का संचालन हो रहा है.
- महासमुंद, बागबाहरा, सराईपाली, पिथौरा के जंगलों में भट्ठों का संचालन किया जा रहा है.
- महासमुंद लगे ग्राम लभरा जंगल के भीतर दर्जनों ईंट भट्ठें हैं जिनका अनुमति नहीं लिया गया है.
- कुछ साल से लभरा जंगल पूरी तरह से कट चुकी है, लेकिन विभागीय अमला ध्यान नहीं दे रहे हैं.
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