जिले में चलाया जा रहा समाधान-36 लेकिन पहले ही दिन हुआ फेल
महासमुंद। शासन के विभिन्न विभागों की योजनाओं एवं कार्यों को शत-प्रतिशत क्रियान्वयन करने के लिए जिले में शनिवार से समाधान-36 की शुरुआत की गई। लेकिन, पहले ही दिन लापरवाही का आलम यह रहा कि कई सेक्टरों में नोडल अफसर ही नहीं पहुंचे। ग्रामीणों ने कहा कि सालभर पहले समाधान-36 के माध्यम से उनका हर समस्या का निराकरण हो रहा था, लेकिन अचानक इसे बंद कर दिया गया। अब जब शुरुआत की गई तो पहले ही दिन शिविर का मजाक बनाया गया।
जिले के सभी ब्लॉक में अलग-अलग सेक्टर बनाए गए
- बागबाहरा ब्लॉक के ग्राम कोमाखान में दोपहर 3 बजे तक नोडल अफसर आरडी कुल्हाड़ा नहीं पहुंचे थे।
- हाल तो यह रहा कि कई अफसरों के शनिवार को मोबाइल ही बंद रहा।
- यहां ग्रामीण तो पहुंचे, लेकिन बिना समस्या निराकरण ही वापस लौटे गए।
- पंचायत और राजस्व कर्मचारी ही समाधान-36 में पहुंचे थे।
- इसी तरह बागबाहरा ब्लॉक के ग्राम घुंचापाली में भी नोडल अफसर नहीं पहुंच पाए।
- ग्राम पंचायत सचिव सत्येंद्र चंद्राकर ने बताया कि पंचायत और राजस्व कर्मचारी ही पहुंचे नोडल अफसर 3 बजे तक नहीं पहुंचे थे।
आवेदन लेकर पहुंचे ग्रामीणों ने क्या कहा यह भी पढ़िए
- कोमाखान के मनोज ठाकुर, बंधापार के बृजलाल टंडन, तेजन टंडन ने कहा कि समाधान-36 प्रारंभ करने की बात कही तो खुशी हुई।
- लेकिन, यहां तो शासन को बदनाम किया जा रहा है, प्रशासन नहीं चाहता कि समाधान पुन: चालू हो। इसलिए औपचारिकता निभाया जा रहा है।
- ग्रामीणों ने कहा कि पहले समाधान-36 होने के पूर्व गांव में मुनादी करने के साथ बाकायदा समाधान-36 शिविर को कार्यक्रम स्थल में बोर्ड लगाया जाता था
- लेकिन यहां तो ऐसा लग रहा है कि शासन के दबाव के चलते पुन: शुरू की गई, लेकिन जिला प्रशासन इस कार्यक्रम को तवज्जों नहीं दे रहे हैं।
लंबे समय शुरू की गई समाधान-36
- तत्कालीन कलेक्टर उमेश अग्रवाल का यहां से स्थानांतरण होने के बाद से समाधान-36 बंद हो गया था।
- समाधान 36 के माध्यम से ग्रामीणों की समस्या आसानी से हल हो जाता था, लेकिन इसके बंद होने से लोगों में निराशा थी।
- दो दिन पहले ही जिला प्रशासन ने सेक्टरवार प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति की है।
- कहा गया कि पात्र हितग्राहियों का चिन्हाकंन कर लाभान्वित करने के लिए माह के प्रथम एवं तृतीय शनिवार को समाधान-36 कार्ययोजना लगाई जाएगी।