महासमुंद कांग्रेस जिला अध्यक्ष आलोक चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सीएम डा. रमन के महासमुंद प्रवास पर चुटकी लेते हुए क्या जानिए उन्हीं की जुबानी…
- महासमुंद में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंग 27 मार्च को महासमुंद और गरियाबंद जिले के समीक्षा बैठक में एक बार भी अपने 2013 के संकल्प पत्र में की गई घोषणा को भूल गए।
- किसानों का समर्थन मूल्य 2100 रु और 300 रु बोनस के सम्बंध में कोई भी जानकारी लिए न कोई भी निर्देश दिए और तो और जिले के किसानों की स्थित के बारे में भी नही पूछे।
महासमुंद जिले के सड़को का बुरा हाल है,PMGS/CMGS के सड़कें घटिया बनाई गई है और उखड़ रही है और अधिकारी जिला मुख्यालय में रहने के बजाय राजधानी में रहना पसंद कर रहे है सप्ताह में दो दिन महासमुंद जिले में बाकी दिन अधिकारी और उसका परिवार राजधानी में शासकीय गाड़ी में शॉपिंग करते बड़े मालो में घूम रहे है,वैसे ही अभी बन रहे सड़क “बिरकोनी से बड़गांव” विश्व का सबसे घटिया सड़क है कोई देखने वाला नही बीजेपी के लोग कमीशन के चक्कर मे कुछ नही कह रहे है, सरकार का कोई लगाम नही है। - खनिज विभाग के समीक्षा में मुख्यमंत्री को ये नही दिखा की जिले में रेत का गंदा खेल हो रहा है रेत खदान के कारण सड़कें पूरी तरह खराब हो गया है और जिले के नदी नालों में खुलेआम अवैध तरीकों से मशीनों से डम्पर लोड की जा रही है खनिज विभाग मुख्यमंत्री के पास है और ये गड़बड़ी न वो पूछे न किसी ने बताया क्यो..?
- अस्पताल का बुरा हाल पर डॉक्टरों की कमी पर कुछ नहीं बोले मुख्यमंत्री क्यो..? आंदोलनरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के मांगो पर विचार करने के बजाय बर्खास्त करने को कह गए मुख्यमंत्री तभी आज कुछ लोगों को बर्खास्त किया गया है
- शिक्षाकर्मियों का सिविलियन के बारे निर्देश देने था, उज्वला योजना में भारी सिलेंडर की कीमतों के चलते रिफलिंग करने के तरीके गरीब लोगो को बताना था, महासमुंद के गौरव पथ को लेकर समीक्षा करना था । कुल मिलाकर महज दिखावा रहा मुख्यमंत्री का महासमुंद आना..