Wednesday, June 7, 2023
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जैव विविधता दिवस पर कसेकेरा विद्यालय को मिलेगा आज 50 हजार रुपए का पुरस्कार

छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा जैव विविधता दिवस पर शासकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कसेकेरा मां रुपई क्लब को जैव विविधता संरक्षण पुरस्कार  के लिए चुना गया। विदित हो कि कोविड के दौरान प्रधान पाठक डा विजय शर्मा ने ईको क्लब का गठन कर सामुदायिक पहल के माध्यम से कसेकेरा रुपई पहाडी की खुली चट्टान में चटाई विधि से घास उगने, फफूंद तैयार करने के साथ वन विभाग की मदद से पीपल बरगद, डूमर, गस्ति  का रोपण किया। यह अभियान बंदर, भालू, एवम पालतू पशु – पक्षियों के लिए आवास भोजन की व्यवस्था सामुदायिक पहल एवम जागरूकता से वातावरण का निर्माण करते हुए जल संरक्षण के लिए प्रेरित करते हुए शोक्ता टैंक बनाने, पहाड़ी ढलान, नाले, खेत के पानी रोकने की क्षमता को बढ़ाने में क्लब ने काम किया।

चिड़ियों के लिए दाना मुट्ठी भर धान की बाली बच्चों ने सिला बिनकर पहाड़ी के पेड़ो में बॉधा वर्तमान में आशानुकूल विविध प्रजाति के पक्षियों में प्रजन से  वृद्धि हुई है। विद्यालय के शिक्षक,छात्र पालक, पंचायत प्रतिनिधि,  शाला प्रबंधन समिति, कृषक समिति, महिला समिति, गांव मंडली सबने बढचढ कर हिस्सा लिया, गांव के सोच में बदलाव आया। वानिकी विभाग द्वारा बेर झरी पौधे को  वैज्ञानिक तकनीक से 50 पौधे मीठे एपल बेर तैयार किया है,इनके फल ग्रामीणों के आय के श्रोत के साथ, भालू बंदर के भोजन का व्यवस्था किया जा रहा है। डा शर्मा अपने नेतृत्व क्षमता, मिलनसार, नवाचारी कार्यों से समुदाय में जागरूकता लाने में सफल हुए, उन्होंने इससे पूर्व भी पहाड़ी , धरोहर, इतिहास, नदी, पर्यावरण  बचाओ अभियान पर काम किया है।

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पहाड़ चटाई बिछा कर घास की परत

आपका मानना है कि मानव द्वारा प्रकृति का अंधाधुंध दोहन एवम व्यवहार परीवरत्न से वैश्विक तापमान में निरंतर वृद्धि से  पृथ्वी का सतुलन बिगड़ रहा है। हमने निश्चय किया है कि अपने गांव के तापमान को 1अंश सेंटीग्रेट तापमान कम करने वैज्ञानिक  विधि से चटाई बिछा कर घास की परत बनाने में लगे हुए है।

एक ओर दुनिया के सभी देश तापमान  प्रदूषण कम करने पर काम कर रहे है, सी ओ पी 15, एवम संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रतिबद्धता से जलवायु परिवर्तन से लडने, प्रकृति की रक्षा करने और लचीला स्थानीय अर्थव्यवस्था के साथ ग्लोबल एनवायरमेंट फैसलिटी असेबली द्वारा ग्लोबल बायो डायवर्सिटी  फ्रेमवर्क के तहत 2022 का थीम “हमारे समाधान प्रकृति में है” पर काम किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में नए शोध चर्चा आयोजित हो रही है वही छोटे गांव में स्व प्रेरणा से  बिना पैसे  तापमान कम करने का अनोखा अभियान शुरू कर  विश्व को संदेश दे रहा है, यूनिसेफ द्वारा केश स्टडी की जा रही है। कसेकेरा का अभियान भारत ही नहीं वैश्विक स्तर पर संदेश देने में सफल होगा।

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जैव विविधता दिवस

कार्यक्रम की निरंतरता के लिए ग्रामवासी, जनप्रतिनिधि वन विभाग रेंजर विकास चंद्राकर, उदयानिकी विभाग, ग्रीन केयर सोसाइटी डा विश्वनाथ पाणिग्रही, सरपंच श्रीमती ईश्वरी दीवान, संतोष यादव, जितेंद्र साहू, लक्ष्मी साहू, कामाक्षी चंद्राकर अनुसुइया साहू, हलधर यादव, बुडान साय, बल्ला आदि का विशेष योगदान मिल रहा है।

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