महासमुंद। नेता और अफसरों के नाम पर लगे फलदार पौधें पानी के अभाव में मर बीते 10 दिन से पानी की एक बूंद का भी छिड़काव नहीं किया गया है। इन पौधों के सामने नेताओं और अफसरों के रहे हैं। यह हालत लाफिन कला के सरकारी उद्यान की है। पीएचई विभाग की उपेक्षा और उदासीनता के चलते इन पौधों मेंनाम की तख्तियां लगी है। लाफिन कला गांव में बीते साल 10 एकड़ क्षेत्रफल में प्रशासन ने फलदार पौधे लगाए थे। । 7 लाख खर्च कर लगाए इन पौधों की देखरेेख की जिम्मेदारी उद्यानिकी विभाग को दी गई है। लेकिन नलकूप नहीं होने के कारण पौधाें में पानी का छिड़काव नहीं किया जा रहा है। इसके ये मरने लगे हैं।
उद्यानिकी विभाग का कहना है कि यहां नलकूप खुदवाने के लिए कई बार पीएचई के अफसरों से कहा गया, लेकिन स्वीकृति नहीं मिलने के कारण श्रमिकों के भरोसे पौधों को बचाने की कोशिश की जा रही है। अब तो उद्यान के सामने स्थित तालाब भी सूख चुका हैं।
लाफिन कला में 3 हेक्टेयर भूमि पर 7 लाख लागत से पौधे रोपे गए। जिसका मेंटेनेंस तीन वर्षों तक उद्यानिकी विभाग द्वारा किया जाना है। लेकिन पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां कर्मचारी भी हाथ खड़े कर दिए हैं। यहां के चौकीदार ने बताया कि पौधों में पानी डालने के लिए तीन श्रमिक रखें गए हैं लेकिन अब तालाब में पानी खतम होने के कारण पौधों में पानी नहीं डाल पा रहे हैं।
इन्होंने किया था शुभारंभ
महासमुंद विधायक विमल चोपड़ा के हाथों नर्सरी का उद्घाटन प्रशासन ने करवाया था। विमल चोपड़ा सहित अनेक जनप्रतिनिधि और अफसरों के नाम पर यहां फलदार पौधें लगाए गए हैं।
पीएचई की लापरवाही से सारी मेहनत हो रही बेकार
विधायक डा. विमल चोपड़ा ने कहा बोन खनन के लिए मेरे द्वारा अनुशंसा की गई है। इसके साथ ही स्वीकृति भी मिल गई है लेकिन, पीएचई विभाग के लापरवाही से मेहनत बेकार हो रहा है। बोर खनन के लिए लगातार उद्यानिकी विभाग द्वारा भी प्रयास किया जा रहा है। आज ही इस मामले को लेकर मैने पीएचई के अफसरों से बात किया तो अवकाश होने की बात कही गई।