वरिष्ठ BJP नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। इससे पहले 2015 नें उन्हें भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। आइए जानते हैं लालकृष्ण आडवाणी का राम रथयात्रा ने पूरे देश को राममय कर दिया था। इस यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रथ में मौजूद थे।
1980 की शुरुआत में विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में राम जन्मभूमि के स्थान पर मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन की शुरुआत करने लगी। उधर आडवाणी के नेतृत्व में भाजपा राम मंदिर आंदोलन का चेहरा बन गई। आडवाणी ने 25 सितंबर, 1990 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर सोमनाथ से राम रथ यात्रा शुरू की थी। जिसमें देश के कई राज्यों में यात्रा पहुंची। इसी तारतम्य में यात्रा छत्तीसगढ़ महासमुंद जिले बागबाहरा, खरियाररोड से होकर ओडिशा पहुंची थी। इस अवसर पर रथ यात्रा का गांव-गांव में भव्य स्वागत की गई थी।
आडवाणी के बारे में 10 खास बातें:
आडवाणी ने कराची में स्कूल सेंट पैट्रिक हाईस्कूल में पढ़ाई की है।
1947 में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सचिव बने थे।
1970 में पहली बार आडवाणी राज्यसभा के सांसद बने थे।
आडवाणी एक फिल्म समीक्षक रह चुके हैं। उन्हें चॉकलेट, फिल्मों और क्रिकेट का बहुत शौक है।
1944 में उन्होंने कराची के मॉडल हाईस्कूल में एक अध्यापक के तौर पर नौकरी की थी।
आडवाणी ने एक किताब लिखी है जिसका नाम- माई कंट्री, माई लाइफ है।
सभी को चौंकाते हुए 2013 में उन्होंने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था।
1980 में भारतीय जनता पार्टी बनने के बाद से उन्होंने सबसे ज्यादा समय तक पार्टी के अध्यक्ष का पद संभाला था।
आडवाणी अभी तक आधा दर्जन से ज्यादा रथ यात्राएं निकाल चुके हैं। जिनमें ‘राम रथ यात्रा’, ‘जनादेश यात्रा’, ‘स्वर्ण जयंती रथ यात्रा’, ‘भारत उदय यात्रा’ और ‘भारत सुरक्षा यात्रा’ ‘जनचेतना यात्रा’ प्रमुख हैं।
राम मंदिर अब तक 25 लाख लोगों ने किया दर्शन हो रही ‘धनवर्षा’
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