महासमुन्द। मंगलवार 01 मई 2018 को विभिन्न संगठन ने मजदूर दिवस मनाया। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। मजदूर दिवस के अवसर पर नपा महासमुंद के द्वारा नगरीय प्रशासन एवं विकास छत्तीसगढ़ रायपुर के आदेशानुसार सामुहिक भोज का आयोजन किया गया। श्रमिकों का सम्मान कार्यक्रम शंकराचार्य आडोटोरियम भवन में आयोजित किया गया।
इनकी उपस्थिति में संपन्न हुआ कार्यक्रम
- कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष पवन पटेल, उपाध्यक्ष कौशिल्या बसंल, वरिष्ठ पार्षद हरबंश सिंह ढिल्लो, प्रभारी सदस्य मनोज लूनिया, पार्षद देवीचंद राठी, प्रभारी सदस्य सुभ्रा मनीष शर्मा, पार्षद लखन चन्द्राकर, राजू साहू, एल्डरमेन संदीप घोष, उषा पाल, मुख्य नगर पालिका अधिकारी प्रीति सिंह, सहायक अभियंता बी.आर.साहू, एवं निकाय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारीगण की उपस्थिति में मजदूर दिवस मनाया गया। जिसमें सभी लोगों ने मिल-जूल कर सामूहिक भोज का आनंद लिया।
कर्मचारी भवन में श्रमिक दिवस पर संगोष्ठी 
- कर्मचारी भवन महासमुन्द मे श्रमिक दिवस कार्यक्रम इस अवसर पर छत्तीसगढ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अशोक गिरि गोस्वामी. संरक्षक दशरथराव अम्बिलकर . जिलासचिव बी.आर. देवागंन. लोकेश दत्ता. आयुर्वेद अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष डा. पण्डा. डा. बजाय. जुझारू आंगनबाडी कार्यकर्ता सहायिका संघ के उपप्रांताध्यक्ष सुधा रात्रे. जिलाध्यक्ष सुलेखा शर्मा. विकासखंड अध्यक्ष सबीना मेमन. दैनिक वेतन भोगी संघ के प्रांताध्यक्ष मिलाप यादव. जिलाध्यक्ष राजेश चन्द्राकर. सहित कर्मचारी अधिकारी श्रमिक उपस्थित रहे।
जानिए क्या है मजदूर दिवस का इतिहास
- अंतरराष्ट्रीय तौर पर मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत 1 मई 1886 को हुई थी।
- अमेरिका के मजदूर संघों ने मिलकर तय किया कि वे 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे। इसके लिए संगठनों ने हड़ताल की।
- हड़ताल के दौरान शिकागो की हेमार्केट में बम ब्लास्ट हुआ जिससे निपटने के लिए पुलिस ने मजदूरों पर गोली चलाई। इस घटना में कई मजदूरों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए।
- इसके बाद 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में ऐलान किया गया कि हेमार्केट नरसंघार में मारे गए निर्दोष लोगों की याद में 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
- साथ ही इस दिन सभी श्रमिकों की छुट्टी रहेगी।
- भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान ने 1 मई 1923 को चेन्ने में की थी। उस समय इसे मद्रास दिवस के रूप में मनाया जाता था।
- संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत आने वाली अंतरराष्ट्रीय मजदूर संस्था दुनियाभर में लेबर क्लास के लोगों का जीवन स्तर सुधारने की दिशा में काम करती है।
- . 1 मई के दिन यह संस्था दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रैली और मार्च निकालती है ताकि मजदूर उत्पीड़न, न्यूनतम मजदूरी कानून और अप्रवासी मजदूरों को लेकर जागरुकता फैलाई जा सके।