Wednesday, June 7, 2023
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विधायक डा. विमल चोपड़ा ने कहा वनवासियों कोे सुनहरे सपने दिखाकर काले अंधेरे में ढकेल दिया गया

महासमुंद। बार नवापारा से विस्थापित किये गये ग्रामों को शासन एवं वन विभाग द्वारा किये गये वादे के अनुसार सुविधाएॅ नहीं दिये जाने के विरोध में सोमवार को विधायक डाॅ. विमल चोपड़ा के नेतृत्व में ग्राम रामसागर पारा (नयाभावा) व श्रीरामपुर (बसना) के ग्रामीणों ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर वनमण्डलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया गया। विधायक डा. विमल चोपड़ा ने कहा वनवासियों कोे सुनहरे सपने दिखाकर काले अंधेरे में ढकेल दिया गया। अभी तो लड़ाई की शुरुआत हुुई है, मांग पूरी नहीं हुई आंदोेलन उग्र होगा।

शहर का सपना दिखा अंधेरे में ढकेला

  • पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आंदोलन 2 बजें प्रारंभ हुआ।
  • जहाॅ रामसागर पारा व श्रीरामपुर बसना के विस्तापित परिवार के लोगों ने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए
  • बताया कि किस प्रकार वन विभाग द्वारा हमें सुनहरे सपने दिखाएॅ गए और उनकी  जिन्दगी को काले अंधेरे में ढकेल दिया गया।
  • शहर की जिन्दगी का सपना दिखा कर रोटी कपड़ा और मकान व मूल भूत सुविधा की बात कर अच्छी खेती बाड़ी की बात कर हमें विस्तापित किया गया और अंत में हमे धोखा दिया गया।

किसी को कोई फर्क नही पड़ रहा है

  • विधायक डाॅ. चोपड़ा ने आंदोलन को संबोधित करते हुए कहा कि मै जब भी रामसागर पारा पहुॅच वहाॅ के किसान हमेशा दुखी मिले।
  • मैने जब पिछली बार सायकलयात्रा की तो जंगल के रास्ते से मेरा जाना गांव में हुआ जहाॅ किसानों के खेतो को देखने का मौका लगा।
  • ऐसे खेत जिसमें सफल का एक बीज नही बंजर भूमि ऐसे में यहाॅ के किसान जो अपना जन्म भूमि कर्म भूमि छोड़कर यहाॅ आएॅ है
  • वो यहाॅ अपना जीवन यापन कैसे करें। यहाॅ के लोग पलायान कर रहें है। लेकिन इस बात से किसी को कोई फर्क नही पड़ रहा है।
  • यहाॅ किसानों के बीच जब चैपाल लगया तब पता चला कि वन विभाग के लोगो ने इनके साथ धोखा किया है।
  • इन्हे पाॅच एकड़ जमीन का लालच दिया और यहाॅ जब किसान अपनी जमीन का सीमांकन कराते है तो वो दो-तीन एकड़ निकल रहा है
  • एक परिवार में चार व्यस्क सदस्य 20 एकड़ खेत लेकिन पैदावार शून्य। क्या स्थिति बन गई इन व्यस्थापित गांवों मे रहने वालो की,
  • चारों तरफ कर्ज से दब रहें है ये जब से यहाॅ बसे है लगभग 4 साल से लगातार आकाल का सामना कर रहें है।
  • ये मै नही ये सरकारी सर्वे रिपोर्ट कह रही है।   
  • डाॅ. चोपड़ा ने कहा कि रोजगार गारंटी से जो काम ग्रामीणों को मिलना चाहिए उस काम को ठेकेदार को दिया जा रहा है।
  • ऐसे लोगो को भूखा मारने का काम वनविभाग के अधिकारी कर रहें है।
  • विधायक डाॅ. चोपड़ा ने आगे कहा कि अधिकारी अपनी सुख सुविधा को पहले महत्व दे रहें है
  • अपने कार्यालय घर पहुॅच मार्ग का निर्माण मैटेंनेंस की राशि से करा रहे है ये वे राशि है जिनका उपयोग जगली क्षेत्र में बसे गांव तक पहॅुच मार्ग बनाने में किया जाना था।
  • उन्होने कहा कि कोई अधिकारी एक घण्टे लाईट,पंखा कुलर के बगैर इस गर्मी में नही रह सकता
  • लेकिन हमारे ये ग्रामीण विगत दो माह से बिना लाईट के है।

इन  मांगो को लेेकर  किया गया आंदोलन

  • उपजाऊ भूमि देने का वादा कर बंजर भूमि दे दी गई है जो कृषि योग्य नहीं है।
  • उसे कृषि योग्य बनाया जाये। पाॅच एकड़ जमीन का कागजात दिया गया पर सीमाकांन में कम जमीन दी गई है।
  • उन्हें 05 एकड़ जमीन प्रदाय किया जाये। सिंचाई की व्यवस्था नही किया गया है।
  • राजस्व ग्राम की मान्यता दी जाय एवं जमीन रिकार्ड आॅनलाईन किया जाय। ताकि योजनाओं का लाभ मिल पाये।
  • आंगनबाड़ी का संचालन बलौदाबाजार जिले से है उसे महासमुंद जिले से किया जाय। ग्राम में कोतवाल बलौदाबाजार जिले से है इनकी नियुक्त महासमुंद जिले से की जाय।
  • नल जल योजना का बिल गाॅव वाले को देना पड़ता है, उसे शासन द्वारा वहन किया जाय।
  • ग्राम में पहुॅच मार्ग कच्ची है उसका डामरीकरण किया जाय।
  • ग्राम में 20 घरों की लाइट (बिजली) 02 माह से बंद है, उसे तत्काल सुधरवाया जाये।
  • जिसकी रामसागर के अलावा अन्य दो ग्रामों के विस्थापित भी शामिल होंगे।

जानकारी होते हुए भी गायब रहे अफसर

  • आंदोलन की जानकारी होते हुए भी कार्यालय में उपस्थित नही होने से भड़के विधायक व आंदोलनकारी।
  • विधायक डाॅ. चोपड़ा व आंदोलनकारियों ने वनमंडलाधिकारी कार्यालय पहुॅच कर आंदोलन किया
  • जहाॅ अधिकारी की गैरमौजुदगी के कारण आंदोलन कारी भड़क उठे व
  • कार्यालय में घूस कर जमीन में जा बैठे और वनमंडलाधिकारी को बुलाने कहा गया।
  • विधायक डाॅ. चोपड़ा सहित आंदोलनकारी एक घण्टे तक जमीन में बैठकर डीएफओं इंतीजार किये।

यह भी जानिए

  • विद्युत विभाग के आलाधिकारी श्री धीवर को वन विभाग कार्यालय बुलाकर चर्चा की गई
  • जिसमें उन्होने मंगलवार साम तक 20 घरों के लाईन को सुधरवाने का आश्वासन दिया व गुरूवार को बिजली बिल व अन्य समस्याओं से संबंधित कार्रवाई के लिए विशेष कैंप लगाने की बात कही।
  • विधायक डाॅ. चोपड़ा ने कहा कि रामसागर पारा व श्रीरामपुर वासियों की पहली सड़क की लड़ाई है और यह लड़ाई जब तक जीत नही मिल जाती तब तक लड़ी जाएगी। उन्होने कहा कि सभी लोग संगठित रहे और अपने हक के लिए लड़ाई लड़े तभी सफलता मिलेगी।
  • आंदोलन में अपनी मांगो को मजबुती से रखने के लिए पूरा का पूरा गांव अपने बच्चों सहित घरों में तले जड़कर कर पहुॅचे।
  • जहाॅ सभी लोगो ने अपनी हुंकारभरी महिलाओं और बच्चों ने डीएफओ कार्यालय में जमीन मे बैठ जमकर नारे बाजी की।
  • पुलिस के साथ हुई विधायक, आंदोलनकारियों की झूमा-झटकी।
  • डीएफओं के कार्यालय में नही होने से गुस्सा लोगो ने बलात कार्यालय में प्रवेश कर जमीन पर बैठे।
    विस्थापित ग्राम के गणेशराम , आंनंदराम यादव, ननकीराम यादव, ज्ञानचंद बारिक, श्रीरामपुर के  साहू जी ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि श्रीरामपुर, रामसागर पारा व लाटादादर के ग्रामीणों को अमृत समान सपना दिखाकर यहाॅ बसाया गया जो हम लोगो के लिए आज किसी विष से कम नही है।
  • हम लोगो के पास अपने बच्चों को भोजन कराने तक के लाले पड़े है। जो मकान हमें बनाकर दिये गये है वो भी मात्र 4 वर्ष में जर्जर हो चुके है कई में दरवाजे खिडकी तक नही है। हमे जो मूल भूत सुविधा की बात कह कर यहाॅ लाया गया उसमें से किसी भी एक बात को शासन ने सही नही किया। हमारे बच्चों का जाति निवास नही बनता और तो और शासन की कोई भी योजना का लाभ भी हम नही ले पाते है।
  • आंदोलन को देवीचंद राठी, महेन्द्र जैन, मोहन साहू, शोभा शर्मा, रमाकांत धु्रव, जहर सिंग, सुन्दर पटेल ने भी संबोधित किया संचालन लक्ष्मीकांत तिवारी ने किया। इस दौरान प्रमुख रूप से तेजराम यादव, जगेश्वर निषाद, ज्ञानसिंग, राजकुमार ठाकुर, जोगश्वर निषाद, तिजऊ बारीक, गोपाल यादव, पुरूषोत्तम धु्रव, बृजलाल नागवंशी, चमरालाल, अमरू यादव, रमेश धु्रव, दुकालूराम, भगवती दुबे, कुलेश्वर बाई, रतनी बाई, मोंगरा बाई, गीता ठाकुर, सिखवंतीन, टिकेश्वरी नेताम, ललिता मिश्रा, जागृती एवं श्रीरामपुर से श्यामलाल, नवीन, राममलाल, श्रीराम, मुन्ना, गाडाराय, मोहरसिंग, परसलाल, करमलाल, नकुल, उपेन्द्र फत्ते, नरसिंग, सुकालू, कृष्णा, कुमार, सुशीला, पनकीन, अतिशीला, शांतकुमारी, मधु, मोहन, नीलाम्बर सहित बड़े बुजुर्ग व महिला व बच्चें उपस्थित रहे।
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