महासमुन्द। फसल बीमा में भारी अनियमितता और बीमा कंपनी द्वारा किसानों को छले के आरोप में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन हुआ। भारतीय जनता किसान मजदूर संघ के बैनर तले विधायक डॉ विमल चोपड़ा के नेतृत्व में स्थानीय कचहरी चैक में शुक्रवार को धरना दिया गया। धरने में पूरे विधान सभा क्षेत्र के झलप, पटेवा, सिरपुर, तुमगांव महासमुंद ग्रामीण एवं शहर मंडल के ग्रामीण सहभागी बने।
धरती पुत्र कहलाने वाले छिपे बिल में
- आंदोलन के नेतृत्वकर्ता विधायक डा. विमल चोपड़ा ने अपने उद्बोधन में नेताओं कि लापरवाही बताते हुए कहा कि चुनाव के समय नेता अपने आप को धरती पुत्र किसान पुत्र कहते हैं, वो नेता किसानों पर तकलीफ आने पर बिल में छूप जाते हैं, ऐसे नेता किस काम का, ऐसे नेताओं को सबक सीखाना है।
- जो किसानों का नाम लेकर वोट मांगते है, इनके चहरे के नकाब को उतारना है और इनका असली चेहरा जनता के सामने लाना है।
- यही काम भारतीय जनता किसान मजदूर संघ का है।
नहीं माने तो राजधानी में होगी धरना प्रदर्शन
- उन्होंने आगे कहा कि सरकार की गणना, बीमा कंपनी, कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग की गणना में ये बात लिखित रिपोर्ट है कि महासमुन्द विधानसभा एवं महासमुन्द जिले के 80 प्रतिशत ग्राम अकाल ग्रस्त हैं।
- इसके बावजुद मात्र 19 करोड़ रुपए का फसल बीमा जिले में बांटकर अधिकारियों से सांठगाठ करके बोरिया बिस्तर समेट के बीमा कंपनी चली गयी है। पूरे जिले को फसल बीमा की राशि मिले इसके लिए लड़ाई लड़ी जा रही है
- और इस आंदोलन के बाद भी अगर बीमा कंपनी बात नही मानती तो रायपुर में विशाल धरना दिया जाएगा।
पिछली बार भी हुई थी लड़ाई
- उन्होने मांग कि की बीमा कंपनियों के जो भी मालिक है उनको पकड़कर जेल में डाला जाय और यदि किसानों की बीमा राशि अगर कंपनी नहीं देती है तो सरकार को अपने खजाने से वो राशि देनी चाहिए।
जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन करते हुए - विधायक डा विमल चोपड़ा ने कहा कि पिछले साल भी जब फसल बीमा की राशि जब बीमा कंपनी नहीं दे रही थी और उन्होंने सभी पंचायतों को शुन्य घोषित कर दिया था तब भारतीय जनता किसान मजदूर संघ ने इसकी लड़ाई लड़ी जिसके कारण महासमुन्द विधानसभा को 5 करोड़ रुपए कि राशि किसानों को अतिरिक्त मिला।
किसानों ने सुनाई अपनी व्यथा
- पचरी के किसान जगन्नाथ डडसेना व रतिराम साहू मोंगरा वाले ने अपनी व्यवथा सुनाते हुए कहा कि किसान को सभी लोग भूल गये है आज किसान के पास भूखमरी और कर्ज के अलावा कुछ नही है।
- इसी प्रकार अमृत लोधी ने बावनकेरा सोसायटी की एक आकड़ा प्रस्तुत करते हुए बताया कि 300 किसानों का बीमा डेढ़ लाख रुपये में किया गया और बीमा राशि मात्र 25 हजार रुपये ही दिया वो भी कुछ किसानों को जबकी क्षेत्र में पुरा आकाल है।
किसानों के बगैर सहमति से राशि की वसूली
- डा. चोपड़ा ने कहा कि किसानों ने बीना पूछे उनका बीमा प्रिमियम काट दिया जाता है और सभी तरफ से जब उनको बीमा राशि मिलने के लिए लिखित सर्वे होता है तो पर भी उनको बीमा कंपनी द्वारा छलते हुए राशि नही दिया जाता।
- डाॅ. चोपड़ा ने कहा कि एक एक किसान से पूछ कर उनका बीमा होना चाहिए। केवल छलावे के लिए उनका बीमा कर उनसे पैसे लेकर बीमा कंपनियों को लाभ पहुॅचाना सही नही है।
- विधायक डाॅ. चोपड़ा के नेतृत्व में आंदोलनकारियों कलेक्टेड तक जलुस निकाल कर डिप्टी कलेक्टर को राज्य पाल व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा ।
- इस दौरान प्रमुख रूप से देवीचंद राठी, महेन्द्र जैन, शोभा शर्मा, मोहन साहू, जितेन्द्र साहू, हनिष बग्गा, विक्की, लड्डी, माखन यादव, संदीप जोशी, सुरेन्द्र दुबे, ग्रामीण मंडल अध्यक्ष लक्ष्मीकांत तिवारी, प्रेमलाल यादव, दिलीप जैन, धर्मेन्द धीवार, किती बघेल, रवि निर्मलकर, डोमार धु्रव, उदेराम साहू, कमलेश नेताम, सुखदेव मालेकर, बल्लू यादव, बेनूराम धु्रव, चुडामणी डडसेना, शारदा पुष्पाकर, शम्मी सलुजा, मित्रभान पटेल, सागर साहू, तरूण पाठकर, किसन चंद्राकर, सेवन साहू, पवन गिलहरे, रतिराम साहू सहित सैकड़ो की संख्या में किसान व कार्यकर्तागण उपस्थित रहें।