Mahaasamund पूर्व MLA एवं भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ प्रदेश संयोजक डॉ विमल चोपडा़ ने एक वक्तव्य में पटेवा थाने मे एन.एच. पर वसूली एवं खनिज अधिकारी की अकर्मण्यता से पॉच आदिवासी मजदूरो की मौत पर आक्रोश व्यक्त करते हुए ऐसे लोगो को कठोर सजा मिलनी चाहिए न कि SP एवं कलेक्टर ऐसे लोगो को संरक्षण देकर ऐसी मनोवृति को बढ़ावा दे ।
पहली घटना पटेवा थाने के सामने की सड़क पर वसूली का है जिसे जिले के एस.पी. ने स्वयं ऑखो से देखा है एवं सात लोगो को लाइन अटैच किया है, जबकी इन सातो पर एफ.आई .आर दर्ज कर घूस लेने का प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत होना चाहिए व सजा स्वतंत्र संस्था द्वारा दी जानी चाहिए साथ ही थाने के थानेदार पर भी चार्जशीट दायर की जानी चाहिए। लाइन अटैच करने से न तो इनको कोई सजा होनी है एवं न ही कोई वेतन कटौती होनी है। माहभर पश्चात् ये फिर अपना प्रभाव दिखाकर किसी थाने में पोस्टिंग ले लेंगे एवं पुुनः वसूली अभियान प्रारंभ हो जाएगा। यह वसूली अभियान प्रतिदिन जिले में अन्य मार्गो पर भी देखा जा सकता है , जिससे गरीब ग्रामीण त्रस्त है। इन प्रशानिक लापरवाही के लिए विधायक भी जिम्मेदार है जो इन मार्गो से लगातार गुजरने के बाद भी इन सबको अनदेखा कर रहे है।
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हफता वसूली में व्यस्त
डॉ0 चोपडा़ ने कहा कि जिले के बसना के गढ़फूलझर के ईट भट्ठे में पॉच जनजातीय जनता की मौत दुखद है एवं प्रशासनिक अधिकारियो की लापरवाही ही इसके लिए पूर्णतः जिम्मेदार है। खनिज विभाग जो सीधे-सीधे कलेक्टर एवं अधिकारी के नियत्रंण में है , उन लोगो को भी इस दुर्घटना का जिम्मेदार घोषित किया जाना चाहिए । खनिज अधिकारी केवल रेत खदानो से वसूली में अपना सारा समय व्यतित कर रहे है एवं इनके संरक्षण में कांग्रेस के नेता दिन -रात चल रही है रेत खदानो से हफता वसूली में व्यस्त है।
खनिज अधिकारी से अवैध खदानो की शिकायत पर इनका रेट और बढ़ जाता है। कुंभकर्णी नींद से प्रशासन को जगाने हेतु भारतीय जनता पार्टी नंगाड़ा बजाकर कलेक्टर एवं कलेक्टोरेट के अन्य अधिकारियो को जगाने का अभियान प्रांरभ करेगी।