महासमुंद। छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ ने 13 सूत्रीय मांगों को लेकर आज एक दिवसीय हड़ताल की। संघ की प्रमुख मांग है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाए और जब तक ऐसा नहीं होता, तब तक मध्यप्रदेश की तर्ज पर प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत मानदेय वृद्धि की जाए। इसके साथ ही पर्यवेक्षक भर्ती तत्काल निकाले जाने, आयु सीमा बंधन हटाने और 50 प्रतिशत पदोन्नति देने की भी मांग की गई है।
संघ ने पोषण ट्रैकर ऐप पर कार्य करने के लिए 5G मोबाइल, नेट खर्च, आने वाली तकनीकी समस्याओं के समाधान, ऑफलाइन प्रशिक्षण, सेवा समाप्ति पर 10 लाख रुपये की राशि और गंभीर बीमारी पर मेडिकल अवकाश के साथ मानदेय देने की मांग रखी है। साथ ही प्रभार में कार्यरत कार्यकर्ता व सहायिका को प्रोत्साहन राशि, महिला कोष से ऋण सुविधा, ईंधन राशि समय पर उपलब्ध कराने, सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में गुणवत्तापूर्ण सिलेंडर और चूल्हा देने पर भी जोर दिया गया।
संघ का कहना है कि 3 से 6 वर्ष के बच्चों को स्कूल में भर्ती करने से आंगनबाड़ियों में बच्चों की संख्या लगातार घट रही है, जिसे रोकने के लिए विभाग को ठोस कदम उठाने चाहिए। सुपोषण चौपाल और मातृत्व वंदना योजना की राशि नियमित देने, प्रशिक्षण कार्यक्रमों में आने वाली राशि का सही उपयोग और ‘सम्मान सुविधा प्रणाली’ बंद करने की भी मांग की गई है।
जिलाध्यक्ष और सचिव ने चेतावनी दी है कि यदि मांगे पूरी नहीं हुईं तो 1 सितंबर को राज्य मुख्यालय में धरना दिया जाएगा और आवश्यकता पड़ी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जाया जाएगा। इस गुट से जुड़े लगभग 400 आंगनबाड़ी केंद्र आज बंद रहे।