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फसल बीमा आक्रोश: बागबाहरा के 13 गांव के किसानों सहित ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अंकित ने दी आंदोलन की चेतावनी, इधर महासमुंद विधायक डा. चोपड़ा 25 मई को मुख्यालय में करेंगे प्रदर्शन

महासमुंद. फसल बीमा के नाम पर किसानों को ठगा जा रहा है। सूखे की हालत से गुजर रहे किसानों को फिर एक बार आक्रोशित होना पड़ा है। सोमवार को बागबाहरा ब्लॉक के बोडरीदादर सोसायटी अंतर्गत खेमड़ा समिति के किसानों को पता चला कि 14 गांव में से सिर्फ एक गांव के ही किसानों को फसल बीमा राशि दी जा रही है। पता चलते ही सैकड़ों किसान सड़क पर उतर आए। सूचना पर पहुंचे बागबाहरा कांग्रेस कमेटी के ब्लॉक अध्यक्ष अंकित बागबाहरा ने किसानों की मांगों को जायज बताते हुए उनका समर्थन दिया है।
किसानों ने दी है आंदोलन की चेतावनी
- 88 किसानों ने हस्ताक्षयुक्त ज्ञापन अनुविभागीय अफसर को देते हुए रातज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपे हैं।
- किसानों ने ज्ञापन में कहा है कि सप्तहभर के भीतर जांच और फसल बीमा नहीं दी गई तो यहां के किसान आगामी मंगलवार को कलेक्टोरेट का घेराव करेंगे।
अंकित ने कहा बड़े स्तर पर किया जा रहा गड़बड़ी
- कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष अंकित ने कहा छग में बीमा राशि देने में बड़े स्तर पर घोटाला हो रहा है। किसानों के पैसे कमीशन के रूप में छग के नेताओं के पास पहुंच रहा है।
- पिछली बार पटवारियों का अनावरी रिपोर्ट के आधार पर बीमा राशि दी गई इस बार कृषि विभाग के आंकलन पर दिया जा रहा है।
- उन्होंने कहा लगातार दशक भर से इस क्षेत्र के लोग सूखे की मार झेल रहे हैं, लेकिन सरकार पुरानी पद्धति थ्रेस होल्ड के आधार पर ही किसानों को फसल बीमा दे रही है।
- जबकि पहले और अब के प्रकृति में काफी असमानता है।
- उन्होंने कहा बीमा कंपनी को सरकार कमीशन के बदले फायदा पहुंचा रही है, जिसका विरोध और आंदोलन किया जाएगा।
25 मई को विधायक चोपड़ा करेंगे प्रदर्शन
- विधायक डा. विमल चोपड़ा ने कहा फसल बीमा के नाम पर किसानों को भयंकर रूप से छला जा रहा है। बीमा अधिकारियों एवं राजस्व अमलों के साथ कृषि विभाग के लोगों ने फसलों का रैंडम आकलन किया था
- जिसके अनुसार महासमुंद विधान सभा के लगभग 70 से 80 ग्राम पंचायतों में बीमा राशि का वितरण उन पंचायतों के सभी किसानों को होना था।
- लेकिन मात्र पत्थर्री पंचायत को बीमा राशि देकर बाकि पंचायतों से बीमा कंपनी ने पल्ला झाड़ लिया।
किसान नेता कठपूतली की तरह नाच रहे

- बचत ग्राम पंचायतों में भाजपा कांग्रेस एवं अन्य पार्टियों के बड़े बड़े किसान नेता निवास करते हैं, लेकिन उनको किसानों की समस्या से कोई सरोकार नहीं है।
- वे तो केवल राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक नेताओं के इशारे पर कठपूतली की तरह नाचने वाले लोग हैं एवं उन्हीं के निर्देश पर धरना प्रदर्शन करते हैं
- अपनी सारी सोच और समझ इन लोगों ने राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक नेताओं के पास गिरवी रख दिया है।
नहीं मिल रहा किसानों को लाभ
- बीमा कंपनी धान या चावल चावल के बजाए धान और चावल का मापदंड अपना रही है जिसके कारण किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है
- शासन के साथ.साथ विपक्ष की भी बीमा कंपनियों से सांठगांठ की स्पष्ट दिखती है।
- पिछले वर्ष भारतीय जनता किसान मजदूर संघ के आंदोलन के कारण लगभग 5 करोड रुपए की राशि किसानों को अतिरिक्त मिली पिछले वर्ष इस बात का संज्ञान कलेक्टर को कराने पर उन्होंने बीमा कंपनी पर दबाव बनाया
- इस संयुक्त दबाव से किसानों को लाभ मिला। सिर्फ पत्थर्री पंचायत को ही अब तक लाभ मिल पाया है।
- शासन प्रशासन एवं बीमा कंपनी के छल को लेकर 25 मई को जिला मुख्यालय में धरना देकर कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपा जाएगा।