महासमुंद. विधायक डा. विमल चोपड़ा ने कहा शासन एवं प्रशासन की निष्क्रियता से क्षेत्र में किसान, गरीब एवं हाथी प्रभावित क्षेत्र के लोगों का बुरा हाल है। प्रशासनिक अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद के कारण लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। इसके साथ ही भ्रष्टाचार ने अपनी सारी सीमाएं लांघ दी है। प्रशासनिक अधिकारियों के भ्रष्टाचार एवं ऐशो आराम पर किसी प्रकार का नियंत्रण शासन का नहीं है। योजनाओं के कार्यों में गुणवत्ताहीनता और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में शासन पूर्ण रूप से असफल रहा है।
वन विभाग भ्रष्ट्राचार चरम पर
- वन विभाग भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुका है। कुमकी हाथी पिछले पांच महीनों से अधिकारियों के लिए लाभ का सौदा बना हुआ है।
- ये काले हाथी ना होकर सफेद हाथी बने हुए हैं, जिन पर लाखों खर्च के बाद भी जंगली हाथियों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है।
- वन विभाग का अमला सुस्त पड़ा है और अब तो पटाखा मशाल और कर्मचारियों की व्यवस्था से ही उसने अपने आप को लगभग अलग सा कर लिया है।
प्रशिक्षण के नाम पर भर रहे जेब
- लाखों खर्च कर लाए गए कुमकी हाथी किसी काम के नहीं रह गया है। उनके प्रशिक्षण के नाम पर विभाग जेब भरने में मस्त है।
- कुमकी हाथी का उपयोग कालर आईडी लगाने में किए जाने की बात वन विभाग के अधिकारी कह रहे हैं
- जबकि अंबिकापुर में हाथियों को बेहोश कराए बिना कुमकी हाथी के कॉलर लगाया गया ,
- इसी बात का सुझाव मेरे द्वारा लगभग एक माह पूर्व वन मंडलाधिकारी को दिया गया तो किसी प्रकार का जवाब नहीं आया,
- इससे ऐसा लगता है कि अधिकारियों की रूचि कालर लगाने के बजाय शासन का खर्च बढ़ाने में है प्रभावित लोगों के सब्र का बांध टूट चुका है।
खदेड़ा जाएगा हाथी ले जाकर अपने घर में करें पूजा
- एक दो हाथी के गले में वीडियो कॉलर लगाने से क्या होगा जबकि हाथी अनेक दलों में बंटते जा रहे हैं
- वनाधिकारियों की हास्यास्पद योजना के विरोध में दिनांक 22 मई को बोरिद के पासिद जलाशय पर एकत्रित होकर कुमकी हाथियों को भगाने का अभियान प्रारंभ किया जावेगा।
- विधायक चोपड़ा ने कहा शासन-प्रशासन अपने घर में ले जाकर कुमकी हाथी की पूजा करें।