महासमुंद। जिले के बागबाहरा ब्लॉक के ग्राम खाड़ादरहा में स्थित प्राथमिक शाला की स्थिति बेहद दयनीय है। यहां पिछले कई महीनों से बच्चों की पढ़ाई टिन शेड के नीचे हो रही है। बालवाड़ी से लेकर कक्षा पांचवीं तक की सभी कक्षाएं इसी अस्थायी टिन शेड में संचालित की जा रही हैं।
स्कूल में सिर्फ एक ब्लैकबोर्ड, दो शिक्षक
गांव के इस स्कूल में कुल 35 बच्चे दर्ज हैं। शिक्षण कार्य के लिए दो शिक्षक पदस्थ हैं, लेकिन पूरी स्कूल में सिर्फ एक अस्थायी ब्लैकबोर्ड है, जो किसी तरह टिका हुआ है। स्कूल का भवन बीते तीन साल से जर्जर स्थिति में है, जिसके चलते विभाग ने इसे डिस्मेंटल (ढहाने योग्य) घोषित कर दिया है।
ग्रामीणों ने किया था विरोध और ताला जड़कर जताया था आक्रोश
इसी साल सितंबर 2025 में स्कूल की खराब हालत को देखते हुए ग्रामीणों ने स्कूल में ताला जड़कर विरोध किया था। सूचना मिलते ही ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, सहायक एबीओ और संकुल समन्वयक मौके पर पहुंचे थे। अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि नया भवन जल्द स्वीकृत किया जाएगा और इसके लिए 13 लाख 72 हजार रुपए की लागत का प्रस्ताव भी तैयार किया गया था।
अब तक नहीं मिली स्वीकृति, ग्रामीणों में नाराज़गी
महासमुंद शिक्षा विभाग ने यह प्रस्ताव शासन को भेज दिया है, लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी अब तक भवन स्वीकृति को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द नई इमारत का निर्माण शुरू नहीं हुआ तो वे फिर से आंदोलन करेंगे।
टिन शेड के नीचे बैठकर पढ़ रहे बच्चों की यह तस्वीर न केवल सिस्टम की लापरवाही दिखाती है, बल्कि ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था की जमीनी हकीकत भी उजागर करती है।


















