महासमुंद। यहां किसानों को प्रकृति ने ऐसा थप्पड़ दिया है, जिसका गूंज पूरे परिवार में सुनाई दे रहा है। किसानों को ऐसा दर्द मिला है कि रात के सपने में भी खेत नजर आ रहे हैं। हजारों एकड़ में लगी धान फसल चौपट हो गई है। जिले के बागबाहरा ब्लॉक में पहले तो धान की फसल में गर्दन तोड़ बीमारी ने चौपट की वहीं बचे-खुचे फसल को ओलावृष्टि ने पूरी तरह से बर्बाद कर दी है। बताया जा रहा है ये स्थिति पूरे जिले में है जहां किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
राजस्व विभाग द्वारा आंकलन किया जा रहा है, लेकिन इससे किसान संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए कि इन्हें क्षति कितना मिलेगा, कब मिलेगा? कई सवाल है जिससे किसान इन दिनों बहुत परेशान हैं। कई किसान तो अपने धान आंकलन करवाने के लिए भटक रहे हैं।
महासमुंद, सैकड़ों एकड़ में लगी खड़ी धान फसल बर्बाद, कृषि विभाग के कर्मचारी नदारद!
झड़ गए धान की बाली
अभी दो दिन पहले हुए ओलावृष्टि ने पक चुके धान फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। जोरदार हुए ओलावृष्टि से धान पौधे से धान खेतों में ही झड़ गए। कोमाखान तहसील अंतर्गत मातगुड़ा के किसान ब्रदी नाथ साहू पांच एकड़ खेतों में धान फसल ली है, ओलावृष्टि के कारण अब पांच एकड़ में पांच बोरा धान होना भी मुश्किल हो गया है। वहीं सिवनी मातगुड़ा के किसान सोनू साहू ने बताया पहली बार ऐसा मौसम देख गया जहां धान काटने के समय इतने दिनों तक बारिश और ओलावृष्टि हुई है। तीन एकड़ खेत में सिर्फ 20 बोरा धान हुआ है। इसके कारण सिर्फ धान रोपाई का खर्च भी पूरा नहीं मिल पाएगा, रात के सपने में भी खेत नजर आ रहे हैं। राजस्व टीम जांच करने आई थी लेकिन 50 प्रतिशन नुकसान बताया है जबकि 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है।