दिल्ली। एक तरफ पूरे देश चंद्रायान-2 को चंद्रमा तक पहुंचने का इंतजार कर रहा है। वहीं इस अभियान को राजनीतिक बनाने की कोशिश की जा रही है। एएनआई ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए बताया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक बार फिर विवादित बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मानो चंद्रयान लॉन्च देश में पहली बार हुआ हो। उन्होंने कहा कि इसके पहले भी इस मिशन को लिया गया था। यह आर्थिक आपदा से ध्यान हटाने की कोशिश है।
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West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee in state Assembly: As if the Chandrayaan launch is the first in the country. As if before they came to power, no such missions were taken up. It is an attempt to divert attention from economic disaster. (File pic) pic.twitter.com/F4SjBA2pwL
— ANI (@ANI) September 6, 2019
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चांद पर हिंदुस्तान!
चांद की सतह पर उतरेगा भारत का चंद्रयान-2देर रात 01.30 से शुरू होगी लैंडिंगप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसरो सेंटर में रहेंगे मौजूद चंद्रयान 2. भारत का वो मिशन जिसका इंतजार हर हिंदुस्तानी कर रहा है. चंद्रयान-2 का विक्रम कुछ घंटों के बाद चांद पर अपना कदम रखेगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों ने इस मिशन को सफल बनाने के लिए दिन-रात मेहनत की है और ऐसे में अंतिम समय में हर कोई इसके सफल होने की कामना कर रहा है.
18 सितंबर, 2008 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चंद्रयान-2 मिशन को मंजूरी दी थी. अब आज 11 साल बाद ये मिशन पूरा होने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज रात बेंगलुरु में इसरो सेंटर में मौजूद रहेंगे और इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे. चंद्रयान-2 का विक्रम देर रात 01.30 से लैंड करना शुरू करेगा, ये प्रक्रिया सात सितंबर सुबह 5 बजे तक जारी रहेगी. भारत का ये मिशन चंद्रयान-2 कई बातों में खास है, मिशन से जुड़ी कई जानकारियां ऐसी हैं जिन्हें हर किसी को जानना जरूरी है. क्योंकि भारत के वैज्ञानिक इतिहास रचने के कगार पर खड़े हैं. इसरो की आधिकारिक वेबसाइट www.isro.gov.in पर इस मिशन की कुछ अहम जानकारियां साझा की गई हैं, जो इस प्रकार हैं:
क्यों खास है चंद्रयान-2:
– पहला अंतरिक्ष मिशन जो चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र पर सफलतापूर्वक लैंडिंग का संचालन करेगा
– पहला भारतीय अभियान, जो स्वदेशी तकनीक से चंद्रमा की सतह पर उतारा जाएगा
– पहला भारतीय अभियान जो देश में विकसित प्रौद्योगिकी के साथ चांद की सतह के बारे में जानकारियां जुटाएगा
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