महासमुंद। जिला अस्पताल में एक बार फिर प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। यहां एक प्रसुता कई घंटे तक तड़फती रही है, लेकिन समय पर कोई डाक्टर नहीं पहुंचे। परिजनों ने बताया बच्चे का आधा शरीर निकलकर फंस चुका था, प्रसुता मदद के लिए बार-बार गुहार लगाती थी, लेकिन डाक्टर साहब कर्तब्य परायण दिखाते हुए अपने समय पर ही पहुंचे।
यहां पर पढ़िए http://जब प्रसुता ने यात्री बस में बच्चे को दिया जन्म
इधर, इस घटना की सूचना सिविल सर्जन डा. परदल को सुबह 8.56 बजे दी गई तो उन्होंने एक आवयश्क मिटिंग में होने की बात कहकर फोन काट दी।
कहने को सौ बिस्तर लेकिन सुविधाओं का अभाव
- ग्राम भुरका के सावित्री पति राधेश्याम साहू को प्रसव पीड़ा के बाद बुधवार की सुबह 8 बजे जिला अस्पताल में एडमिट किया गया।
- रात तक यहां पदस्थ डाक्टरों ने चेकप किया। लेकिन देर रात करीब 2.30 बजे प्रसव वेदना ज्यादा बढ़ गई।
- मितानिन बिंदा बाई के अनुसार गुरुवार की सुबह साढे 4 बजे प्रसव पानी टूटने के साथ ही बच्चा का शरीर कुछ हिस्से बाहर आ गया।
- इसके बाद लगातार चिकित्सकों को सूचना दी गई, इसी बीच प्रसव वेदना बढ़ने के कारण प्रसुता चीख-फुकार करते रही।
- 6 घंटे बाद सुबह 10 बजे डाक्टर प्रसुता को देखने पहुंची, जहां ऑपरेशन कर डिलवरी किया गया।
यहां पढ़े: http://घटना के बाद संयुक्त संचालक ने जांच के दिए निर्देश
- बताया जा रहा है कि जज्चा तो ठीक है लेकिन बच्चे की हालत गंभीर है, इसलिए आईसीयू में रखा गया है।
- मितानिन की माने तो समय पर चिकित्सकों के नहीं आने और ऑपरेशन नहीं करने की वजह से बच्चे पानी पी चुका है।
- बच्चे को सांस लेने में तकलीफ है।
- इस बारे में जानकारी लेने स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. एन सचदेव को फोन लगाया गया, लेकिन वे फोन रिसीव नहीं किए।
धन्यवाद