महासमुंद। जिले में अवैध शराब का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है और अब हालत यह है कि ग्रामीण स्तर पर शराब बेचने की ठेकेदारी प्रथा शुरू हो गई है। बागबाहरा ब्लॉक के ग्राम कोसमर्रा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ ग्रामीणों की सहमति से जंगल के भीतर अवैध शराब दुकानें संचालित हो रही हैं।
जंगल में चल रहा अवैध शराब कारोबार—बाहरी लोगों की एंट्री
ग्रामीणों के अनुसार, जंगल में लठैतों की मदद से शराब दुकानों का संचालन किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि
ओडिशा से लाई गई शराब,
देशी-विदेशी ब्रांड,
यहाँ खुलेआम दोगुनी कीमत पर बेचे जा रहे हैं। दुकान का संचालन भी बाहरी जिलों से आए लोग कर रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में और ज्यादा आक्रोश है।
आबकारी विभाग की कार्रवाई पर सवाल—“छापा पड़ा, शराब मिली… पर आरोपी गायब!”
कुछ दिनों पहले आबकारी विभाग ने क्षेत्र में छापामारी की थी। छापे के दौरान अवैध शराब की बरामदगी तो हुई, लेकिन बेचने वाले आरोपियों को पकड़ने में विभाग नाकाम रहा।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विभाग की मिलीभगत के चलते यहां अवैध शराब कारोबार फल-फूल रहा है।

ग्रामीणों की नाराज़गी चरम पर—“सरकार जंगल में ही सरकारी दुकान खोल दे!”
धौराभाठा और कोसमर्रा के ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने आपसी सहमति से एक व्यक्ति को शराब बेचने का ठेका दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि
जंगल में दिनभर शराबियों की भीड़ लगी रहती है
माहौल लगातार बिगड़ रहा है
छोटे बच्चे भी इसकी चपेट में आने लगे हैं
नाराज़ ग्रामीणों ने तंज कसते हुए कहा—
“इससे अच्छा तो सरकार जंगल में ही सरकारी शराब दुकान खोल दे, कम से कम अवैध कारोबार तो बंद होगा!”
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें
अवैध शराब ठेकेदारी पर तुरंत रोक
आबकारी विभाग की जवाबदेही तय
जंगल क्षेत्र में संयुक्त कार्रवाई
युवाओं-बच्चों को नशे से बचाने विशेष जागरूकता अभियान
कोसमर्रा क्षेत्र में चल रही अवैध शराब बिक्री प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि विभाग ने सख्त कार्रवाई नहीं की तो वे उग्र आंदोलन करने को विवश होंगे।





