सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली के उपराज्यपाल को स्वतंत्र फैसला लेने का अधिकार नहीं और वह सरकार के कामकाज में अवरोधक के तौर पर कार्य नहीं कर सकते.
नई दिल्ली: दिल्ली का बॉस कौन रहेगा? इस पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली के उपराज्यपाल को स्वतंत्र फैसला लेने का अधिकार नहीं और वह सरकार के कामकाज में बाधा नहीं डाल सकते। सु्प्रीम कोर्ट ने कहा है कि उपराज्यपाल दिल्ली कैबिनेट की सलाह और सहायता से काम करें।
"Cabinet meeting held.
Directed all functionaries of Del govt to function according to the order of Hon’ble SC.
Also directed to expedite proposals of doorstep delivery of rations and CCTV now."- @ArvindKejriwal #जनता_की_जीत pic.twitter.com/MuwiaDzT63
— AAP (@AamAadmiParty) July 4, 2018
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अगर उपराज्यपाल को दिल्ली कैबिनेट की राय मंजूर न हो तो वह सीधे राष्ट्रपति के पास मामला भेज सकते हैं। इस फैसले को अरविंद केजरीवाल ने लोकतंत्र की जीत बताते हुए ट्वीट किया है।
A big victory for the people of Delhi…a big victory for democracy…
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 4, 2018
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दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा। कि सुप्रीम कोर्ट को तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिसने दिल्ली की जनता को सुप्रीम बताया है।
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अब एलजी के पास मनमानी का पावर नहीं। अब चुनी हुई सरकार को दिल्ली के काम के लिए अपनी फाइलें एलजी के पास भेजने की जरुरी नहीं। अब ट्रांसफर, पोस्टिंग का अधिकार भी दिल्ली सरकार के पास है. ये लोकतंत्र की बड़ी जीत है।
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